रहस्य Poetry (page 15)

कहीं राज़-ए-दिल अब अयाँ हो न जाए

राम कृष्ण मुज़्तर

गर्दिश-ए-जाम भी है रक़्स भी है साज़ भी है

राम कृष्ण मुज़्तर

दर्द-ए-हयात-ए-इश्क़ है नग़्मा-ए-जाँ-गुदाज़ में

राम कृष्ण मुज़्तर

हयात-ओ-मर्ग का उक़्दा कुशा होने नहीं देता

राम अवतार गुप्ता मुज़्तर

जो निहायत मेहरबाँ है और निहाँ रक्खा गया

रख़्शंदा नवेद

जो निहायत मेहरबाँ है और निहाँ रखा गया

रख़्शंदा नवेद

रक़्स

राजेन्द्र मनचंदा बानी

मैं संगलाख़ ज़मीनों के राज़ कहता हूँ

राज नारायण राज़

बाहम सुलूक-ए-ख़ास का इक सिलसिला भी है

राज नारायण राज़

गुज़ारे तुम ने कैसे रोज़-ओ-शब हम से ख़फ़ा हो कर

राज कुमार सूरी नदीम

दुनिया में जो समझते थे बार-ए-गिराँ मुझे

रईस सिद्दीक़ी

दुनिया को क्या ख़बर? मिरी दुनिया फिर आ गई

रईस अमरोहवी

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी मैं ने

रहमत इलाही बर्क़ आज़मी

बे-नाम सी ख़लिश कि जो दिल में जिगर में है

राही शहाबी

तश्बीब

राही मासूम रज़ा

कभी किसी से न हम ने कोई गिला रक्खा

इरफ़ान सत्तार

अंजाम-ए-वफ़ा भी देख लिया अब किस लिए सर ख़म होता है

इक़बाल सुहैल

अब दिल को हम ने बंदा-ए-जानाँ बना दिया

इक़बाल सुहैल

मिला तो हादिसा कुछ ऐसा दिल ख़राश हुआ

इक़बाल साजिद

हर मोड़ नई इक उलझन है क़दमों का सँभलना मुश्किल है

इक़बाल सफ़ी पूरी

निगाहों से मेरी निगाहें बचाए

इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल

उर्दू

इक़बाल अशहर

तुम्हारी ख़ुश्बू थी हम-सफ़र तो हमारा लहजा ही दूसरा था

इक़बाल अशहर

जब तक कि ख़ूब वाक़िफ़-ए-राज़-ए-निहाँ न हूँ

इंशा अल्लाह ख़ान

शोर में इर्तिकाज़ मिलता है

इमरान शमशाद

परेशाँ हूँ तिरा चेहरा भुलाया भी नहीं जाता

इमरान साग़र

ख़ुदा तू इतनी भी महरूमियाँ न तारी रख

इमरान हुसैन आज़ाद

उल्टी क्यूँ पड़ती है तदबीर ये हम क्या जानें

इम्दाद इमाम असर

महफ़िल में उस पे रात जो तू मेहरबाँ न था

इम्दाद इमाम असर

दिल से क्या पूछता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से पूछ

इम्दाद इमाम असर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.