सागर Poetry (page 27)

यूँ दीदा-ए-ख़ूँ-बार के मंज़र से उठा मैं

दिलावर अली आज़र

सात दरियाओं का पानी है मिरे कूज़े में

दिलावर अली आज़र

मुमकिन है कि मिलते कोई दम दोनों किनारे

दिलावर अली आज़र

मैं सुर्ख़ फूल को छू कर पलटने वाला था

दिलावर अली आज़र

ख़ुद में खिलते हुए मंज़र से नुमूदार हुआ

दिलावर अली आज़र

किसी क़लम से किसी की ज़बाँ से चलता हूँ

धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़

कहाँ गई एहसास की ख़ुशबू फ़ना हुए जज़्बात कहाँ

देवमणि पांडेय

इस जहाँ में प्यार महके ज़िंदगी बाक़ी रहे

देवमणि पांडेय

अजब कश्मकश है अजब है कशाकश ये क्या बीच में है हमारे तुम्हारे

दीप्ति मिश्रा

उम्मीद

दाऊद ग़ाज़ी

पर्दा-दार हस्ती थी ज़ात के समुंदर में

दत्तात्रिया कैफ़ी

रेत मुट्ठी में भरी पानी से आग़ाज़ किया

दानियाल तरीर

कोई सिवा-ए-बदन है न है वरा-ए-बदन

दानियाल तरीर

समंदर का सुकूत

चन्द्रभान ख़याल

सभी सम्तों को ठुकरा कर उड़ी जाए

चंद्र प्रकाश शाद

ज़िंदगी की यही कहानी है

चाँदनी पांडे

आसमाँ है समुंदर पे छाया हुआ

बृजेश अम्बर

सोचने का भी नहीं वक़्त मयस्सर मुझ को

बिस्मिल अज़ीमाबादी

सिमटा तिरा ख़याल तो दिल में समा गया

बिस्मिल आग़ाई

कितना अजीब शब का ये मंज़र लगा मुझे

बिस्मिल आग़ाई

लगा के नक़्ब किसी रोज़ मार सकते हैं

बिल्क़ीस ख़ान

कैसी कैसी नहीं करता रहा मन-मानी मैं

भवेश दिलशाद

कभी तो सामने आ बे-लिबास हो कर भी

भवेश दिलशाद

मैं ने सोचा था मुझे मिस्मार कर सकता नहीं

भारत भूषण पन्त

ख़्वाब जीने नहीं देंगे तुझे ख़्वाबों से निकल

भारत भूषण पन्त

कहीं जैसे मैं कोई चीज़ रख कर भूल जाता हूँ

भारत भूषण पन्त

इश्क़ का रोग तो विर्से में मिला था मुझ को

भारत भूषण पन्त

लोग तो जा के समुंदर को जला आए हैं

बेकल उत्साही

यूँ तो कहने को तिरी राह का पत्थर निकला

बेकल उत्साही

तो पहले मेरा ही हाल-ए-तबाह लिख लीजे

बेकल उत्साही

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.