मामला Poetry (page 33)

हिण्डोला

फ़िराक़ गोरखपुरी

'फ़िराक़' इक नई सूरत निकल तो सकती है

फ़िराक़ गोरखपुरी

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं

फ़िराक़ गोरखपुरी

आई है कुछ न पूछ क़यामत कहाँ कहाँ

फ़िराक़ गोरखपुरी

आ के हो जा बे-लिबास

फ़ज़्ल ताबिश

उसे मालूम है मैं सर-फिरा हूँ

फ़ज़्ल ताबिश

मिलों के शहर में घटता हुआ दिन सोचता होगा

फ़ज़्ल ताबिश

ख़्वाब में देख रहा हूँ कि हक़ीक़त में उसे

फ़ाज़िल जमीली

अपने होने के जो आसार बनाने हैं मुझे

फ़ाज़िल जमीली

ख़ाक में मुझ को मिरी जान मिला रक्खा है

फ़ज़ल हुसैन साबिर

तुझे हवस हो जो मुझ को हदफ़ बनाने की

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

उदास देख के वजह-ए-मलाल पूछेगा

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

सराब-ए-जिस्म को सहरा-ए-जाँ में रख देना

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

इक़रा की सौग़ात की सूरत आ

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

ग़ज़ल के पर्दे में बे-पर्दा ख़्वाहिशें लिखना

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

फ़ुज़ूल शय हूँ मिरा एहतिराम मत करना

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

तमाशा फिर सर-ए-बाज़ार करना

फ़य्याज़ तहसीन

निकला जो चिलमनों से वो चेहरा आफ़्ताबी

फ़य्याज़ फ़ारुक़ी

यूँ लगा देख के जैसे कोई अपना आया

फ़ातिमा वसीया जायसी

वो इक लम्हा

फ़ातिमा हसन

किस से बिछड़ी कौन मिला था भूल गई

फ़ातिमा हसन

ग़ुबार-ए-तंग-ज़ेहनी सूरत-ए-ख़ंजर निकलता है

फ़सीह अकमल

दर-ए-फ़क़ीर पे जो आए वो दुआ ले जाए

फ़रताश सय्यद

तुम तो ख़ुद सहरा की सूरत बिखरे बिखरे लगते हो

फ़र्रुख़ ज़ोहरा गिलानी

तन्हा छोड़ के जाने वाले इक दिन पछताओगे

फ़र्रुख़ ज़ोहरा गिलानी

मालूम करो

फर्रुख यार

वो अलग चुप है ख़ुद से शर्मा कर

फ़ारूक़ शफ़क़

कोई भी शख़्स न हंगामा-ए-मकाँ में मिला

फ़ारूक़ शफ़क़

छाँव की शक्ल धूप की रंगत बदल गई

फ़ारूक़ शफ़क़

मातम-ए-नीम-ए-शब

फ़ारूक़ नाज़की

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.