बिहार Poetry (page 42)

मआल-ए-गर्दिश-ए-लैल-ओ-नहार कुछ भी नहीं

अख़्तर सईद ख़ान

कभी ज़बाँ पे न आया कि आरज़ू क्या है

अख़्तर सईद ख़ान

वो ख़ुद तो मर ही गया था मुझे भी मार गया

अख़तर इमाम रिज़वी

शाख़-ए-तन्हाई से फिर निकली बहार-ए-फ़स्ल-ए-ज़ात

अख़्तर हुसैन जाफ़री

सब ख़याल उस के लिए हैं सब सवाल उस के लिए

अख़्तर हुसैन जाफ़री

वो जो दीवार-ए-आश्नाई थी

अख़्तर होशियारपुरी

एक हम ही तो नहीं आबला-पा आवारा

अख़्तर होशियारपुरी

अपने क़दमों ही की आवाज़ से चौंका होता

अख़्तर होशियारपुरी

सहारा दे नहीं सकते शिकस्ता पाँव को

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

ना जाने क़ाफ़िले पोशीदा किस ग़ुबार में हैं

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

रंग ओ बू में डूबे रहते थे हवास

अख़्तर अंसारी

मिला के क़तरा-ए-शबनम में रंग ओ निकहत-ए-गुल

अख़्तर अंसारी

ये सनम रिवायत-ओ-नक़्ल के हुबल-ओ-मनात से कम नहीं

अख़्तर अंसारी

सदा कुछ ऐसी मिरे गोश-ए-दिल में आती है

अख़्तर अंसारी

मोहब्बत करने वालों के बहार-अफ़रोज़ सीनों में

अख़्तर अंसारी

ख़िज़ाँ में आग लगाओ बहार के दिन हैं

अख़्तर अंसारी

हयात इंसाँ की सर ता पा ज़बाँ मालूम होती है

अख़्तर अंसारी

ग़म-ए-हयात कहानी है क़िस्सा-ख़्वाँ हूँ मैं

अख़्तर अंसारी

बहार आई ज़माना हुआ ख़राबाती

अख़्तर अंसारी

अपनी बहार पे हँसने वालो कितने चमन ख़ाशाक हुए

अख़्तर अंसारी

अब वो सीना है मज़ार-ए-आरज़ू

अख़्तर अंसारी

वही है गर्दिश-ए-दौराँ वही लैल-ओ-नहार अब भी

अख़लाक़ बन्दवी

ये सारी धूल मिरी है ये सब ग़ुबार मिरा

अकबर मासूम

हँसी में साग़र-ए-ज़र्रीं खनक खनक जाए

अकबर हमीदी

दरबार1911

अकबर इलाहाबादी

बर्क़-ए-कलीसा

अकबर इलाहाबादी

ख़त्म किया सबा ने रक़्स गुल पे निसार हो चुकी

अकबर इलाहाबादी

जल्वा अयाँ है क़ुदरत-ए-परवरदिगार का

अकबर इलाहाबादी

गले लगाएँ करें प्यार तुम को ईद के दिन

अकबर इलाहाबादी

फ़लसफ़ी को बहस के अंदर ख़ुदा मिलता नहीं

अकबर इलाहाबादी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.