चुंबन Poetry

दयार-ए-ख़्वाब को निकलूँगा सर उठा कर मैं

ग़ुलाम हुसैन साजिद

ज़ाबता

हबीब जालिब

अधूरी मौत कर कर्ब

ज़ाहिद इमरोज़

उठा सकते नहीं जब चूम कर ही छोड़ना अच्छा

ज़फ़र इक़बाल

ब-ज़ाहिर सेहत अच्छी है जो बीमारी ज़ियादा है

ज़फ़र इक़बाल

ख़बर

यूसुफ़ ज़फ़र

अदब ने दिल के तक़ाज़े उठाए हैं क्या क्या

यगाना चंगेज़ी

मैं ने माना काम है नाला दिल-ए-नाशाद का

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

दुआ

वर्षा गोरछिया

सदियों लहू से दिल की हिकायत लिखी गई

तसनीम फ़ारूक़ी

तिरी आँखों को तेरे हुस्न का दर जाना था

सय्यद काशिफ़ रज़ा

पतझड़ की हवा

सुलतान सुबहानी

हज़ार नक़्स हैं मुझ में मिरे कमाल को देख

सिकंदर अली वज्द

दिल पर सितम हज़ार करे बेवफ़ा के लब

शमशाद शाद

मुश्तइ'ल हो गया वो ग़ुंचा-दहन दानिस्ता

शम्स रम्ज़ी

हमीं थे ऐसे सर-फिरे हमीं थे ऐसे मनचले

शमीम करहानी

फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को

शकेब जलाली

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में

शकेब जलाली

दिल का बुरा नहीं मगर शख़्स अजीब ढब का है

शहज़ाद अहमद

तम्बीह

शहरयार

ये इक शजर कि जिस पे न काँटा न फूल है

शहरयार

जहाँ पे तेरी कमी भी न हो सके महसूस

शहरयार

निशात-उस्सानिया

शहनाज़ नबी

दिल भी दाग़-ए-नक़्श-ए-कुहन से बुझा हुआ था

शहनवाज़ ज़ैदी

चराग़-ए-ज़ीस्त के दोनों सिरे जलाओ मत

शाहिद इश्क़ी

आस

शाहिद अख़्तर

होंटों पर महसूस हुई है आँखों से मादूम रही है

शाद आरफ़ी

साक़ी की हर निगाह में सहबा थी जाम था

सत्यपाल जाँबाज़

''एक नज़्म कहीं से भी शुरूअ हो सकती है''

सरवत हुसैन

सुब्ह के शोर में नामों की फ़रावानी में

सरवत हुसैन

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.