गुलशन Poetry (page 16)

गुलशन गुलशन शो'ला-ए-गुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली

असग़र सलीम

मजाज़ कैसा कहाँ हक़ीक़त अभी तुझे कुछ ख़बर नहीं है

असग़र गोंडवी

ज़ुल्मत-ए-दश्त-ए-अदम में भी अगर जाऊँगा

असर सहबाई

सहरा से चले हैं सू-ए-गुलशन

असर लखनवी

कोई दिल-जूई नहीं थी कोई शुनवाई न थी

असद जाफ़री

जो दिल साथ छुटने से घबरा रहा है

आरज़ू लखनवी

कुछ तो मिल जाए कहीं दीदा-ए-पुर-नम के सिवा

अरशद कमाल

कहाँ कहाँ से सुनाऊँ तुम्हें फ़साना-ए-शब

अरशद जमाल 'सारिम'

यगाना उन का बेगाना है बेगाना यगाना है

अरशद अली ख़ान क़लक़

रोज़-ए-अव्वल से असीर ऐ दिल-ए-नाशाद हैं हम

अरशद अली ख़ान क़लक़

लुट रही है दौलत-ए-दीदार क़ैसर-बाग़ में

अरशद अली ख़ान क़लक़

जुनूँ बरसाए पत्थर आसमाँ ने मज़रा-ए-जाँ पर

अरशद अली ख़ान क़लक़

इश्क़ में तेरे जान-ए-ज़ार हैफ़ है मुफ़्त में चली

अरशद अली ख़ान क़लक़

बे-ज़बानों को भी गोयाई सिखाना चाहिए

अरशद अली ख़ान क़लक़

कश्ती-ए-दिल नज़्र-ए-तूफ़ाँ हो गई

अर्श सहबाई

खिंच के महबूब के दामन की तरफ़

अर्श मलसियानी

आग ही आग है गुलशन ये कोई क्या जाने

अर्श मलसियानी

जो राह चलना है ख़ुद ही चुन लो यहाँ कोई राहबर नहीं है

अर्जुमंद बानो अफ़्शाँ

घर से चीख़ें उठ रही थीं और मैं जागा न था

आरिफ़ शफ़ीक़

किसी परिंदे ने उड़ने का मन बनाया है

आराधना प्रसाद

तमन्नाएँ जवाँ थीं इश्क़ फ़रमाने से पहले

अक़ील नोमानी

अब तिरे हिज्र में यूँ उम्र बसर होती है

अनवापुल हसन अनवार

यादों के बाग़ से वो हरा-पन नहीं गया

अनवर शऊर

एक ख़्वाहिश

अनवर सदीद

इंक़िलाब-ए-सहर-ओ-शाम इलाही तौबा

अनवर साबरी

अता-ए-ग़म पे भी ख़ुश हूँ मिरी ख़ुशी क्या है

अनवर साबरी

मैं ख़ुश हूँ अगर गुलशन के लिए कुछ मेरा लहू काम आ जाए

अनवर मिर्ज़ापुरी

रुख़ से पर्दा उठा दे ज़रा साक़िया बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जाएगा

अनवर मिर्ज़ापुरी

इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए

अनवर मिर्ज़ापुरी

ज़िंदगी अपनी ख़्वाब जैसी है

अनवर जमाल अनवर

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