सपना Poetry (page 54)

मुद्दत के बाद

हिमायत अली शाएर

हरीफ़-ए-विसाल

हिमायत अली शाएर

मेरा शुऊ'र मुझ को ये आज़ार दे गया

हिमायत अली शाएर

मंज़िल के ख़्वाब देखते हैं पाँव काट के

हिमायत अली शाएर

चाँद ने आज जब इक नाम लिया आख़िर-ए-शब

हिमायत अली शाएर

अपना अंदाज़-ए-जुनूँ सब से जुदा रखता हूँ मैं

हिमायत अली शाएर

वक़्त ने रंग बहुत बदले क्या कुछ सैलाब नहीं आए

हिलाल फ़रीद

कभी तो सेहन-ए-अना से निकले कहीं पे दश्त-ए-मलाल आया

हिलाल फ़रीद

आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते पहला सा वो हाल नहीं होता

हिलाल फ़रीद

दिल में इक शोर उठाते हैं चले जाते हैं

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

वहम-ओ-गुमाँ में भी कहाँ ये इंक़िलाब था

हयात लखनवी

मजमा' में रक़ीबों के खुला था तिरा जूड़ा

हातिम अली मेहर

पोशाक-ए-सियह में रुख़-ए-जानाँ नज़र आया

हातिम अली मेहर

दरिया की तरफ़ देख लो इक बार मिरे यार

हस्सान अहमद आवान

इल्तिफ़ात-ए-यार था इक ख़्वाब-ए-आग़ाज़-ए-वफ़ा

हसरत मोहानी

वस्ल की बनती हैं इन बातों से तदबीरें कहीं

हसरत मोहानी

उन को रुस्वा मुझे ख़राब न कर

हसरत मोहानी

तुझ से गरवीदा यक ज़माना रहा

हसरत मोहानी

आप ने क़द्र कुछ न की दिल की

हसरत मोहानी

इश्क़ में ख़्वाब का ख़याल किसे

हसरत अज़ीमाबादी

मेरी उस प्यारी झब से आँख लगी

हसरत अज़ीमाबादी

इन दोनों घर का ख़ाना-ख़ुदा कौन ग़ैर है

हसरत अज़ीमाबादी

अज़ीज़ो तुम न कुछ उस को कहो हुआ सो हुआ

हसरत अज़ीमाबादी

भरे सफ़र में घड़ी-भर का आश्ना न मिला

हसनैन जाफ़री

मज़हब-ए-इश्क़ में शजरा नहीं देखा जाता

हाशिम रज़ा जलालपुरी

बहुत दिन तक कोई चेहरा मुझे अच्छा नहीं लगता

हाशिम रज़ा जलालपुरी

निगाहें झुक गईं आया शबाब आहिस्ता आहिस्ता

हाशिम अली ख़ाँ दिलाज़ाक

हमारे ख़्वाब सब ताबीर से बाहर निकल आए

हसीब सोज़

फिर नए ख़्वाब बुनें फिर नई रंगत चाहें

हसन रिज़वी

न वो इक़रार करता है न वो इंकार करता है

हसन रिज़वी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.