भगवान Poetry (page 36)

शत्तुल-अरब

इलियास बाबर आवान

न-जाने कौन तिरे काख़-ओ-कू में आएगा

इलियास बाबर आवान

ऐ ख़ुदा भरम रखना बरक़रार इस घर का

इकराम मुजीब

नशात-ए-नौ की तलब है न ताज़ा ग़म का जिगर

इकराम आज़म

दिल है और ख़ुद नगरी ज़ौक़-ए-दुआ जिस को कहें

इज्तिबा रिज़वी

रात को बाहर अकेले घूमना अच्छा नहीं

इफ़्तिख़ार नसीम

न जाने कब वो पलट आएँ दर खुला रखना

इफ़्तिख़ार नसीम

मिशअल-ए-उम्मीद थामो रहनुमा जैसा भी है

इफ़्तिख़ार नसीम

अपनी मजबूरी बताता रहा रो कर मुझ को

इफ़्तिख़ार नसीम

ख़ुदा! सिला दे दुआ का, मोहब्बतों के ख़ुदा

इफ़्तिख़ार मुग़ल

इक ख़ला, एक ला-इंतिहा और मैं

इफ़्तिख़ार मुग़ल

तुम्हें भी चाहा, ज़माने से भी वफ़ा की थी

इफ़्तिख़ार मुग़ल

कभी कभी तो ये हालत भी की मोहब्बत ने

इफ़्तिख़ार मुग़ल

इक ख़ला, एक ला-इंतिहा और मैं

इफ़्तिख़ार मुग़ल

वो ख़्वाब था बिखर गया ख़याल था मिला नहीं

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

बिखर ही जाऊँगा मैं भी हवा उदासी है

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

ये वक़्त किस की रऊनत पे ख़ाक डाल गया

इफ़्तिख़ार आरिफ़

पयम्बरों से ज़मीनें वफ़ा नहीं करतीं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर दे

इफ़्तिख़ार आरिफ़

मैं अपने ख़्वाब से कट कर जियूँ तो मेरा ख़ुदा

इफ़्तिख़ार आरिफ़

शहर इल्म के दरवाज़े पर

इफ़्तिख़ार आरिफ़

मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर दे

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कोई तो फूल खिलाए दुआ के लहजे में

इफ़्तिख़ार आरिफ़

कोई मुज़्दा न बशारत न दुआ चाहती है

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इन्हीं में जीते इन्हीं बस्तियों में मर रहते

इफ़्तिख़ार आरिफ़

दुख और तरह के हैं दुआ और तरह की

इफ़्तिख़ार आरिफ़

रह-ए-जुस्तुजू में भटक गए तो किसी से कोई गिला नहीं

इफ़्फ़त अब्बास

इस अँधेरे में जब कोई भी न था

इदरीस बाबर

यूँही आती नहीं हवा मुझ में

इदरीस बाबर

मैं उसे सोचता रहा या'नी

इदरीस बाबर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.