मरहम Poetry (page 5)

इंहिराफ़

अंजुम सलीमी

कोई पुराना ख़त कुछ भूली-बिसरी याद

अंजुम इरफ़ानी

जो न हों कुछ तशरीह-तलब कम होते हैं

अंजुम इरफ़ानी

मिरी बातों पे दुनिया की हँसी कम होती जाती है

आनंद नारायण मुल्ला

तबस्सुम

अमजद नजमी

पसपा हुई सिपाह तो परचम भी हम ही थे

अमजद इस्लाम अमजद

एक आज़ार हुई जाती है शोहरत हम को

अमजद इस्लाम अमजद

थक गए तुम हसरत-ए-ज़ौक़-ए-शहादत कम नहीं

अमीरुल्लाह तस्लीम

क़िबला-ए-दिल काबा-ए-जाँ और है

अमीर मीनाई

ख़ाक हो कर भी कब मिटूंगा मैं

आलोक मिश्रा

जो मक़्सद गिर्या-ए-पैहम का है वो हम समझते हैं

अली जव्वाद ज़ैदी

अब कोई ग़म ही नहीं है जो रुलाए मुझ को

अली इमरान

शाम

अख़्तर उस्मान

समुंदर सब के सब पायाब से हैं

अख़तर शाहजहाँपुरी

कहाँ से लाएँगे आँसू अज़ा-दारी के मौसम में

अख़तर शाहजहाँपुरी

दिल में टीसें जाग उठती हैं पहलू बदलते वक़्त बहुत

अख्तर लख़नवी

मिरे ख़्वाबों में ख़यालों में मिरे पास रहो

अकबर अली खान अर्शी जादह

कुन-फ़यकूं का हासिल यानी मिट्टी आग हवा और पानी

अहमद शहरयार

ये कैसे बाल खोले आए क्यूँ सूरत बनी ग़म की

आग़ा शायर

लैला सर-ब-गरेबाँ है मजनूँ सा आशिक़-ए-ज़ार कहाँ

अफ़ज़ल परवेज़

पछता रहे हैं दर्द के रिश्तों को तोड़ कर

आफ़ताब आरिफ़

बड़ा वीरान मौसम है कभी मिलने चले आओ

अदीम हाशमी

काम हर ज़ख़्म ने मरहम का किया हो जैसे

अबु मोहम्मद सहर

श्याम गोकुल न जाना कि राधा का जी अब न बंसी की तानों पे लहराएगा

आबिद हशरी

क्या मसर्रत है पूछिए हम से

आसी रामनगरी

धूप हालात की हो तेज़ तो और क्या माँगो

आसी रामनगरी

ज़ंजीर से जुनूँ की ख़लिश कम न हो सकी

आल-ए-अहमद सूरूर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.