सीट Poetry (page 4)

हर्फ़-ए-ग़ज़ल से रंग-ए-तमन्ना भी छीन ले

हमीद अलमास

फ़स्ल-ए-ग़म की जब नौ-ख़ेज़ी हो जाती है

हैदर क़ुरैशी

ये ग़म नहीं है कि अब आह-ए-ना-रसा भी नहीं

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

मय से ग़रज़ नशात है किस रू-सियाह को

ग़ालिब

हवस को है नशात-ए-कार क्या क्या

ग़ालिब

यक-ज़र्रा-ए-ज़मीं नहीं बे-कार बाग़ का

ग़ालिब

रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है

ग़ालिब

मस्जिद के ज़ेर-ए-साया ख़राबात चाहिए

ग़ालिब

जिस जा नसीम शाना-कश-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार है

ग़ालिब

हवस को है नशात-ए-कार क्या क्या

ग़ालिब

ग़ाफ़िल ब-वहम-ए-नाज़ ख़ुद-आरा है वर्ना याँ

ग़ालिब

गर तुझ को है यक़ीन-ए-इजाबत दुआ न माँग

ग़ालिब

एक एक क़तरे का मुझे देना पड़ा हिसाब

ग़ालिब

देख कर दर-पर्दा गर्म-ए-दामन-अफ़्शानी मुझे

ग़ालिब

बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना

ग़ालिब

अजब नशात से जल्लाद के चले हैं हम आगे

ग़ालिब

दिल तमाम आईने तीरा कौन रौशन कौन

गौहर होशियारपुरी

ज़ौक़-ए-नज़र को जल्वा-ए-बेताब ले गया

फ़ितरत अंसारी

सुना तो है कि कभी बे-नियाज़-ए-ग़म थी हयात

फ़िराक़ गोरखपुरी

नर्म फ़ज़ा की करवटें दिल को दुखा के रह गईं

फ़िराक़ गोरखपुरी

बहसें छिड़ी हुई हैं हयात-ओ-ममात की

फ़िराक़ गोरखपुरी

चमन अपने रंग में मस्त है कोई ग़म-गुसार-ए-दिगर नहीं

फ़िगार उन्नावी

आँखों के ख़्वाब दिल की जवानी भी ले गया

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

अपने ही साए में था में शायद छुपा हुआ

फ़ारिग़ बुख़ारी

जब हर नज़र हो ख़ुद ही तजल्ली-नुमा-ए-ग़म

फ़रहत क़ादरी

मर कर मरीज़-ए-ग़म की वो हालत नहीं रही

फ़ानी बदायुनी

जुस्तुजू-ए-नशात-ए-मुबहम क्या

फ़ानी बदायुनी

दैर में या हरम में गुज़रेगी

फ़ानी बदायुनी

ऐ मौत तुझ पे उम्र-ए-अबद का मदार है

फ़ानी बदायुनी

दिल जिस का दर्द-ए-इश्क़ का हामिल नहीं रहा

फ़ैज़ुल हसन

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.