पनदार Poetry (page 2)

इश्क़ और नंग-ए-आरज़ू से आर

सलीम अहमद

सुनते रहते हैं फ़क़त कुछ वो नहीं कह सकते

साइमा असमा

तिरे सिवा मिरी हस्ती कोई जहाँ में नहीं

साहिर देहल्वी

तक़वे के लिए जन्नत-ओ-कौसर हुए मख़्सूस

साहिर देहल्वी

समद को सरापा सनम देखते हैं

साहिर देहल्वी

जसद ने जान से पूछा कि क़ल्ब-ए-बे-रिया क्या है

साहिर देहल्वी

इस जिस्म की है पाँच अनासिर से बनावट

साहिर देहल्वी

हौसला वज्ह-ए-तपिश-हा-ए-दिल-ओ-जाँ न हुआ

साहिर देहल्वी

हैं सात ज़मीं के तबक़ और सात हैं अफ़्लाक

साहिर देहल्वी

दरमियान-ए-जिस्म-ओ-जाँ है इक अजब सूरत की आड़

साहिर देहल्वी

चार उंसुर से बना है जिस्म-ए-पाक

साहिर देहल्वी

बुत-परस्ती के सनम-ख़ाने का आसार न तोड़

साहिर देहल्वी

दीदा-ओ-दिल मिरी सरकार उठा लाए हैं

सफ़दर सलीम सियाल

यगाना बन के हो जाए वो बेगाना तो क्या होगा

सबा अकबराबादी

इस रंग में अपने दिल-ए-नादाँ से गिला है

सबा अकबराबादी

रंग अब यूँ तिरी तस्वीर में भरता जाऊँ

राज़ी अख्तर शौक़

कभी ख़ुर्शीद-ए-ज़िया-बार हूँ मैं

राज़ी अख्तर शौक़

अब सफ़र हो तो कोई ख़्वाब-नुमा ले जाए

राज़ी अख्तर शौक़

क़याम रूह में कर ध्यान से उतर के न जा

राशिद अनवर राशिद

बे-नियाज़ाना गुज़र जाए गुज़रने वाला

इक़बाल अज़ीम

अपना घर छोड़ के हम लोग वहाँ तक पहुँचे

इक़बाल अज़ीम

हर बे-ख़ता है आज ख़ता-कार देखना

इम्तियाज़ साग़र

दिल है और ख़ुद नगरी ज़ौक़-ए-दुआ जिस को कहें

इज्तिबा रिज़वी

ख़ाक में दौलत-ए-पिंदार-ओ-अना मिलती है

इफ़्तिख़ार आरिफ़

शिकस्ता-पर जुनूँ को आज़माएँगे नहीं क्या

इफ़्तिख़ार आरिफ़

हामी भी न थे मुंकिर-ए-'ग़ालिब' भी नहीं थे

इफ़्तिख़ार आरिफ़

सुन सुन के चुप हैं ताना-ए-अग़्यार क्या करें

इफ़तिख़ार अहमद फख्र

जैसे जैसे दर्द का पिंदार बढ़ता जाए है

हुरमतुल इकराम

मेरा शुऊ'र मुझ को ये आज़ार दे गया

हिमायत अली शाएर

मैं सो रहा था और कोई बेदार मुझ में था

हिमायत अली शाएर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.