अपनेपन Poetry (page 2)

जल भी चुके परवाने हो भी चुकी रुस्वाई

शहज़ाद अहमद

इक हुजूम-ए-गिर्या की हर नज़र तमाशाई

शाहिदा तबस्सुम

ए'तिराफ़

शाहिद अख़्तर

गुलाब-ब-कफ़

शाहीन ग़ाज़ीपुरी

इक ग़लत-फ़हमी ने दिल का आइना धुँदला दिया

शहबाज़ नदीम ज़ियाई

सदियों के रंग-ओ-बू को न ढूँडो गुफाओं में

सलीम शहज़ाद

उस को मिल कर देख शायद वो तिरा आईना हो

सलीम शाहिद

कोई इम्काँ तो न था उस का मगर चाहता था

साइमा असमा

इस दर्जा इश्क़ मौजिब-ए-रुस्वाई बन गया

साग़र सिद्दीक़ी

चार सू हसरतों की पहनाई

सफ़दर ख़ुर्शीद

यूँ लगे दर्द की इस दिल से शनासाई है

सचिन शालिनी

कैसी मअनी की क़बा रिश्तों को पहनाई गई

साबिर अदीब

वो भी बिगड़ा, हुई रुस्वाई भी

सादुल्लाह शाह

पुर-हौल ख़राबों से शनासाई मिरी है

रूही कंजाही

संग हैं नावक-ए-दुश्नाम हैं रुस्वाई है

राज़ी अख्तर शौक़

अपने होने का कोई साज़ नहीं देती है

राशिद तराज़

दर जो खोला है कभी उस से शनासाई का

राशिद नूर

मैं ने काग़ज़ पे सजाए हैं जो ताबूत न खोल

रशीद क़ैसरानी

दिल-ओ-नज़र में न पैदा हुई शकेबाई

राम कृष्ण मुज़्तर

रंग लाती भी तो किस तौर जबीं-साई मिरी

राहुल झा

पहचान कम हुई न शनासाई कम हुई

राही कुरैशी

नगर में रहते थे लेकिन घरों से दूर रहे

इक़बाल मिनहास

अल्लाह रे यादों की ये अंजुमन-आराई

इक़बाल अज़ीम

तुम्हारी ख़ुश्बू थी हम-सफ़र तो हमारा लहजा ही दूसरा था

इक़बाल अशहर

कुछ तो ऐ यार इलाज-ए-ग़म-ए-तन्हाई हो

इमरान शनावर

ये तिरा बाँकपन ये रानाई

इफ़्तिख़ार जमील शाहीन

कुछ देर पहले नींद से

इफ़्तिख़ार आरिफ़

रास आई न मुझे अंजुमन-आराई भी

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

याद कर वो दिन कि तेरा कोई सौदाई न था

हसरत मोहानी

देखूँ वो करती है अब के अलम-आराई कि मैं

हसन अज़ीज़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.