तीर Poetry (page 5)

किसी बेकस को ऐ बेदाद गर मारा तो क्या मारा

ज़ौक़

कल गए थे तुम जिसे बीमार-ए-हिज्राँ छोड़ कर

ज़ौक़

जो कुछ कि है दुनिया में वो इंसाँ के लिए है

ज़ौक़

जब चला वो मुझ को बिस्मिल ख़ूँ में ग़लताँ छोड़ कर

ज़ौक़

हैं दहन ग़ुंचों के वा क्या जाने क्या कहने को हैं

ज़ौक़

दरिया-ए-अश्क चश्म से जिस आन बह गया

ज़ौक़

बादाम दो जो भेजे हैं बटवे में डाल कर

ज़ौक़

अज़ीज़ो इस को न घड़ियाल की सदा समझो

ज़ौक़

अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे

ज़ौक़

फिर से वही हालात हैं इम्काँ भी वही है

शहपर रसूल

था बंद वो दर फिर भी मैं सौ बार गया था

शौक़ क़िदवाई

शब-हाए-ऐश का वो ज़माना किधर गया

शौक़ देहलवी मक्की

जब मस्लहत-ए-वक़्त से गर्दन को झुका कर

शौकत परदेसी

दर से मायूस तिरे तालिब-ए-इकराम चले

शातिर हकीमी

मसल कर फेंक दूँ आँखें तो कुछ तनवीर हो पैदा

शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी

चेहरे का आफ़्ताब दिखाई न दे तो फिर

शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी

आब ओ गिया से बे-नियाज़ सर्द जबीन-ए-कोह पर

शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी

वक़्त हर बार बदलता हुआ रह जाता है

शमशीर हैदर

किसी की चाह में दिल को जलाना ठीक है क्या

शम्स तबरेज़ी

फ़ज़ा में उड़ते परिंदे की ख़ैर हो यारब

शम्स रम्ज़ी

ज़मीन तंग है यारब कि आसमान है तंग

शम्स रम्ज़ी

दूर फ़ज़ा में एक परिंदा खोया हुआ उड़ानों में

शम्स फ़र्रुख़ाबादी

दुनिया-ए-मोहब्बत में हम से हर अपना पराया छूट गया

शमीम जयपुरी

किसी का तीर किसी की कमाँ हो ठीक नहीं

शमीम अब्बास

तन्हाई का ग़म ढोएँ और रो रो जी हलकान करें

शाकिर ख़लीक़

हर दिल में छुपा है तीर कोई हर पाँव में है ज़ंजीर कोई

शकील बदायुनी

हुई हम से ये नादानी तिरी महफ़िल में आ बैठे

शकील बदायुनी

ऐ इश्क़ ये सब दुनिया वाले बे-कार की बातें करते हैं

शकील बदायुनी

मुबारक वो साअत

शकेब जलाली

साहिल तमाम अश्क-ए-नदामत से अट गया

शकेब जलाली

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.