विसाल Poetry (page 12)

हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

नज़्र-ए-फ़िराक़

फ़हमीदा रियाज़

बर्ग-ए-सदा को लब से उड़े देर हो गई

फ़हीम शनास काज़मी

किसी के शिकवा-हा-ए-जौर से वाक़िफ़ ज़बाँ क्यूँ हो

एजाज़ वारसी

ये घूमता हुआ आईना अपना ठहरा के

एजाज़ गुल

किसे ख़याल था ऐसी भी साअ'तें होंगी

एजाज़ गुल

इतना तिलिस्म याद के चक़माक़ में रहा

एजाज़ गुल

या रब मिरे नसीब में अक्ल-ए-हलाल हो

दिलावर फ़िगार

लम्हा लम्हा वुसअत-ए-कौन-ओ-मकाँ की सैर की

दिलावर अली आज़र

कब तक फिरूंगा हाथ में कासा उठा के मैं

दिलावर अली आज़र

मुझ साथ सैर-ए-बाग़ कूँ ऐ नौ-बहार चल

दाऊद औरंगाबादी

तेरे फ़िराक़ ने की ज़िंदगी अता मुझ को

दानिश अलीगढ़ी

अगर मैं उन की निगाहों से गिर गया होता

दानिश अलीगढ़ी

शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को

दाग़ देहलवी

उस के दर तक किसे रसाई है

दाग़ देहलवी

तुम आईना ही न हर बार देखते जाओ

दाग़ देहलवी

मुमकिन नहीं कि तेरी मोहब्बत की बू न हो

दाग़ देहलवी

खुलता नहीं है राज़ हमारे बयान से

दाग़ देहलवी

इस नहीं का कोई इलाज नहीं

दाग़ देहलवी

ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया

दाग़ देहलवी

ग़ैर को मुँह लगा के देख लिया

दाग़ देहलवी

देख कर जौबन तिरा किस किस को हैरानी हुई

दाग़ देहलवी

अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता

दाग़ देहलवी

अब वो ये कह रहे हैं मिरी मान जाइए

दाग़ देहलवी

जब सर-ए-बाम वो ख़ुर्शीद-जमाल आता है

चरख़ चिन्योटी

जताए जाते हैं एहसान भी सता के मुझे

बेख़ुद देहलवी

अब इस से क्या तुम्हें था या उमीद-वार न था

बेख़ुद देहलवी

नए ज़माने में अब ये कमाल होने लगा

बेकल उत्साही

मुझ को शिकस्तगी का क़लक़ देर तक रहा

बेकल उत्साही

पास-ए-अदब मुझे उन्हें शर्म-ओ-हया न हो

बेदम शाह वारसी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.