वहशत Poetry (page 10)

जैसे दरिया में गुहर बोलता है

सैफ़ुद्दीन सैफ़

जब तसव्वुर में न पाएँगे तुम्हें

सैफ़ुद्दीन सैफ़

लोग औरत को फ़क़त जिस्म समझ लेते हैं

साहिर लुधियानवी

गुरेज़

साहिर लुधियानवी

ऐ शरीफ़ इंसानो

साहिर लुधियानवी

तोड़ लेंगे हर इक शय से रिश्ता तोड़ देने की नौबत तो आए

साहिर लुधियानवी

तरब-ज़ारों पे क्या बीती सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री

साहिर लुधियानवी

तरब-ज़ारों पे क्या बीती सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री

साहिर लुधियानवी

मैं दीवाना हूँ और दैर-ओ-हरम से मुझ को वहशत है

साहिर देहल्वी

सर-ए-अर्श-ए-बरीं है ज़ेर-ए-पा-ए-पीर-ए-मय-ख़ाना

साहिर देहल्वी

पागल औरत

सहबा अख़्तर

हर रात का ख़्वाब

सहबा अख़्तर

तुम ने कहा था चुप रहना सो चुप ने भी क्या काम किया

सहबा अख़्तर

न अब वो शिद्दत-ए-आवारगी न वहशत-ए-दिल

सहर अंसारी

विसाल-ओ-हिज्र से वाबस्ता तोहमतें भी गईं

सहर अंसारी

हर अंजुमन में दावा-ए-वहशत किया करो

सग़ीर अहमद सूफ़ी

तिरी नज़र के इशारों से खेल सकता हूँ

साग़र सिद्दीक़ी

फिर रह-ए-इश्क़ वही ज़ाद-ए-सफ़र माँगे है

साग़र निज़ामी

जो रहीन-ए-तग़य्युरात नहीं

साग़र निज़ामी

आँख तुम्हारी मस्त भी है और मस्ती का पैमाना भी

साग़र निज़ामी

तौबा तौबा से नदामत की घड़ी आई है

साग़र ख़य्यामी

फ़सील-ए-ज़ात में दर तो तिरी इनायत है

सईद नक़वी

शोरिश-ए-वक़्त हुई वक़्त की रफ़्तार में गुम

सईद अहमद

ये उम्र भर का सफ़र है इसी सहारे पर

साबिर वसीम

वो फूल था जादू-नगरी में जिस फूल की ख़ुश्बू भाई थी

साबिर वसीम

मिरे ध्यान में है इक महल कहीं चौबारों का

साबिर वसीम

ख़्वाब

साबिर दत्त

यगाना बन के हो जाए वो बेगाना तो क्या होगा

सबा अकबराबादी

वीरान ख़्वाहिश

रियाज़ लतीफ़

इस से अच्छे दश्त-ए-सहरा इस से अच्छे गर्द-बाद

रियाज़ ख़ैराबादी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.