जीवन Poetry (page 44)

दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती

हस्तीमल हस्ती

दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती

हस्तीमल हस्ती

नज़र उस पर फ़िदा है जिस की ताबानी नहीं जाती

हसरत कमाली

परिंदा क़ैद में कुल आसमान भूल गया

हाशिम रज़ा जलालपुरी

निगाहें झुक गईं आया शबाब आहिस्ता आहिस्ता

हाशिम अली ख़ाँ दिलाज़ाक

खुला ये राज़ कि ये ज़िंदगी भी होती है

हसीब सोज़

उम्र सारी यूँही गुज़ारी है

हसन रिज़वी

तमाम शोबदे उस के कमाल उस के हैं

हसन रिज़वी

तल्ख़ियाँ रह जाएँगी लफ़्ज-ए-वफ़ा रह जाएगा

हसन निज़ामी

तय मुझ से ज़िंदगी का कहाँ फ़ासला हुआ

हसन निज़ामी

शाख़ से फूल को फिर जुदा कर दिया

हसन निज़ामी

जुदाई भी क़राबत की तरह थी

हसन निज़ामी

मैं किस वरक़ को छुपाऊँ दिखाऊँ कौन सा बाब

हसन नईम

इनायत कम मोहब्बत कम वफ़ा कम

हसन कमाल

तारीख़ की अदालत

हसन हमीदी

कहा जब तुम से चारा दर्द-ए-दिल का हो नहीं सकता

हसन बरेलवी

निभाओ अब उसे जो वज़्अ भी बना ली है

हसन अख्तर जलील

जलती हुई रुतों के ख़रीदार कौन हैं

हसन अख्तर जलील

आरज़ू की हमा-हामी और मैं

हसन अख्तर जलील

रंग-ए-सियाह के नाम एक नज़्म

हसन अकबर कमाल

ऐ फ़ैरी-टेल

हसन अकबर कमाल

है तन्हाई में बहना आँसुओं का

हसन अकबर कमाल

दूध जैसा झाग लहरें रेत और ये सीपियाँ

हसन अकबर कमाल

दूध जैसा झाग लहरें रेत और ये सीपियाँ

हसन अकबर कमाल

सुनहरे ख़्वाब आँखों में बुना करते थे हम दोनों

हसन अब्बासी

हवा सैराब करती है

हारिस ख़लीक़

ग़म-ज़दा ज़िंदगी रही न रही

हरी मेहता

उमीदों से दिल-ए-बर्बाद को आबाद करता हूँ

हरी चंद अख़्तर

तुम आए जब नहीं नाकाम लौट जाने को

हरबंस लाल अनेजा 'जमाल'

तख़लीक़-ए-बे-सबात का ज़र्रा-नज़ीर हूँ

हक़ीर जहानी

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