अधिक Poetry (page 7)

फिर आस दे के आज को कल कर दिया गया

सरवत ज़ेहरा

क़िन्दील-ए-मह-ओ-मेहर का अफ़्लाक पे होना

सरवत हुसैन

लफ़्ज़ों के दरमियान

सरवत हुसैन

एक पुल बनाया जा रहा है

सरवत हुसैन

दरख़्त मेरे दोस्त

सरवत हुसैन

क़िन्दील-ए-मह-ओ-मेहर का अफ़्लाक पे होना

सरवत हुसैन

जब बोसा ले के मुद्दआ' मैं ने बयाँ किया

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

मिरा ये ज़ख़्म सीने का कहीं भरता है सीने से

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

ख़ाली आँखों का मकान

सारा शगुफ़्ता

चाँद का क़र्ज़

सारा शगुफ़्ता

आँखें दो जुडवाँ बहनें

सारा शगुफ़्ता

आधा कमरा

सारा शगुफ़्ता

आधी से ज़ियादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ

साक़िब लखनवी

बस ऐ फ़लक नशात-ए-दिल का इंतिक़ाम हो चुका

साक़िब लखनवी

असीर-ए-इश्क़-ए-मरज़ हैं तो क्या दवा करते

साक़िब लखनवी

मैं घटता जा रहा हूँ अपने अंदर

सालिम सलीम

हवा से इस्तिफ़ादा कर लिया है

सालिम सलीम

मिरे वहम-ओ-गुमाँ से भी ज़ियादा टूट जाता है

सलीम साग़र

क़दमों में साए की तरह रौंदे गए हैं हम

सलीम कौसर

अभी हैरत ज़ियादा और उजाला कम रहेगा

सलीम कौसर

मिलना न मिलना एक बहाना है और बस

सलीम कौसर

अभी हैरत ज़ियादा और उजाला कम रहेगा

सलीम कौसर

आब ओ हवा है बरसर-ए-पैकार कौन है

सलीम कौसर

मशवरा

सलीम फ़िगार

बस लौट आना

सलीम फ़िगार

आख़िरी पड़ाव

सलीम फ़िगार

अभी मौजूद थी लेकिन अभी गुम हो गई है

सलीम फ़राज़

ख़ैर का तुझ को यक़ीं है और उस को शर का है

सलीम अहमद

ये धरती ख़ूब-सूरत है

सलाम मछली शहरी

कार्तिक

सलाहुद्दीन परवेज़

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