ज़ुल्फ़ Poetry (page 18)

उस ज़ुल्फ़ के सौदे का ख़लल जाए तो अच्छा

हातिम अली मेहर

पूछेगा जो वो रश्क-ए-क़मर हाल हमारा

हातिम अली मेहर

न दिया बोसा-ए-लब खा के क़सम भूल गए

हातिम अली मेहर

करते हैं शौक़-ए-दीद में बातें हवा से हम

हातिम अली मेहर

इस दौर में हर इक तह-ए-चर्ख़-ए-कुहन लुटा

हातिम अली मेहर

गुल-बाँग थी गुलों की हमारा तराना था

हातिम अली मेहर

गरेबाँ हाथ में है पाँव में सहरा का दामाँ है

हातिम अली मेहर

दिल ले गई वो ज़ुल्फ़-ए-रसा काम कर गई

हातिम अली मेहर

चैन पहलू में उसे सुब्ह नहीं शाम नहीं

हातिम अली मेहर

बुतों का ज़िक्र करो वाइज़ ख़ुदा को किस ने देखा है

हातिम अली मेहर

ऐ 'मेहर' जो वाँ नक़ाब सर का

हातिम अली मेहर

आफ़्ताब अब नहीं निकलने का

हातिम अली मेहर

ख़ुशा वो बाग़ महकती हो जिस में बू तेरी

हसरत शरवानी

नज़्ज़ारा-ए-पैहम का सिला मेरे लिए है

हसरत मोहानी

फ़ैज़-ए-मोहब्बत से है क़ैद-ए-मिहन

हसरत मोहानी

शो'ला ही सही आग लगाने के लिए आ

हसरत जयपुरी

यार इब्तिदा-ए-इश्क़ से बे-ज़ार ही रहा

हसरत अज़ीमाबादी

उस ज़ुल्फ़ से दिल हो कर आज़ाद बहुत रोया

हसरत अज़ीमाबादी

कब तलक पीवेगा तू तर-दामनों से मिल के मुल

हसरत अज़ीमाबादी

है याद तुझ से मेरा वो शर्ह-ए-हाल देना

हसरत अज़ीमाबादी

गर इश्क़ से वाक़िफ़ मरे महबूब न होता

हसरत अज़ीमाबादी

दामन है मेरा दश्त का दामान दूसरा

हसरत अज़ीमाबादी

मुँह अपनी रिवायात से फेरा नहीं करते

हसन रिज़वी

कभी शाम-ए-हिज्र गुज़ारते कभी ज़ुल्फ़-ए-यार सँवारते

हसन रिज़वी

जब कभी मेरे क़दम सू-ए-चमन आए हैं

हसन नईम

हुस्न जब मक़्तल की जानिब तेग़-ए-बुर्राँ ले चला

हसन बरेलवी

जलती हुई रुतों के ख़रीदार कौन हैं

हसन अख्तर जलील

फिर सजे बज़्म-ए-तरब ज़ुल्फ़ खुले शाना चले

हसन आबिद

टूटें वो सर जिस में तेरी ज़ुल्फ़ का सौदा नहीं

हक़ीर

मुस्कुरा दोगे तो ये रात सँवर जाएगी

हंस राज सचदेव 'हज़ीं'

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.