इनायत Poetry (page 4)

मुझे उस नींद के माथे का बोसा हो इनायत

ग़ज़ाला शाहिद

दिए से लौ नहीं पिंदार ले कर जा रही है

ग़ज़ाला शाहिद

मसाफ़त की गराँ हर एक साअ'त टूट जाती है

ग़ुफ़रान अमजद

परतव-ए-ख़ुर से है शबनम को फ़ना की तालीम

ग़ालिब

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक

ग़ालिब

आँखों में जो बात हो गई है

फ़िराक़ गोरखपुरी

आई है कुछ न पूछ क़यामत कहाँ कहाँ

फ़िराक़ गोरखपुरी

ख़ाक में मुझ को मिरी जान मिला रक्खा है

फ़ज़ल हुसैन साबिर

मचलती है मिरे सीने में तेरी आरज़ू क्या क्या

फ़रोग़ हैदराबादी

तो मुझे एक झलक भी नहीं दिखलानी क्या

फ़राज़ महमूद फ़ारिज़

शिकायत हम नहीं करते रिआ'यत वो नहीं करते

फ़रह इक़बाल

किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी

फ़ना बुलंदशहरी

हरम है क्या चीज़ दैर क्या है किसी पे मेरी नज़र नहीं है

फ़ना बुलंदशहरी

हाँ वही इश्क़-ओ-मोहब्बत की जिला होती है

फ़ना बुलंदशहरी

रक़ीब से!

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ऐ हबीब-ए-अम्बर-दस्त!

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शामियानों की वज़ाहत तो नहीं की गई है

फ़ैसल अजमी

चादर और चार-दीवारी

फ़हमीदा रियाज़

कुछ नहीं खुलता इब्तिदा क्या है

दीद राही

उन के मिलने का ब-ज़ाहिर तो यक़ीं कोई नहीं

दामोदर ठाकुर ज़की

एक साग़र भी इनायत न हुआ याद रहे

चकबस्त ब्रिज नारायण

आँखों को अब निगाह की आदत नहीं रही

बुशरा हाश्मी

अगर दुश्मन की थोड़ी सी मरम्मत और हो जाती

बूम मेरठी

वो देखते जाते हैं कनखियों से इधर भी

बेख़ुद देहलवी

झूट सच आप तो इल्ज़ाम दिए जाते हैं

बेख़ुद देहलवी

अब किसी बात का तालिब दिल-ए-नाशाद नहीं

बेख़ुद देहलवी

उन को बुत समझा था या उन को ख़ुदा समझा था मैं

बहज़ाद लखनवी

वो ये कह कह के जलाता था हमेशा मुझ को

अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

ज़ब्त करना न कभी ज़ब्त में वहशत करना

अय्यूब ख़ावर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.