बात Poetry (page 57)

दिल किस के तसव्वुर में जाने रातों को परेशाँ होता है

इब्न-ए-इंशा

दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो

इब्न-ए-इंशा

देख हमारे माथे पर ये दश्त-ए-तलब की धूल मियाँ

इब्न-ए-इंशा

और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का

इब्न-ए-इंशा

अर्श के तारे तोड़ के लाएँ काविश लोग हज़ार करें

इब्न-ए-इंशा

कहने की तो बात नहीं है लेकिन कहनी पड़ती है

हुसैन माजिद

लोगों ने आकाश से ऊँचा जा कर तमग़े पाए

हुसैन माजिद

धूल-भरी आँधी में सब को चेहरा रौशन रखना है

हुसैन माजिद

मैं उस की आँख में वो मेरे दिल की सैर में था

हुसैन ताज रिज़वी

माहौल से जैसे कि घुटन होने लगी है

हुसैन ताज रिज़वी

मर-मिटे जब से हम उस दुश्मन-ए-दीं पर साहब

हुसैन मजरूह

यगानगी में भी दुख ग़ैरियत के सहता हूँ

हुरमतुल इकराम

ठहरेगा वही रन में जो हिम्मत का धनी है

हुरमतुल इकराम

अपने चमन पे अब्र ये कैसा बरस गया

हुरमतुल इकराम

ज़रा सी बात पर नाराज़ होना रंजिशें करना

हुमैरा रहमान

क़यामतें गुज़र गईं रिवायतों की सोच में

हुमैरा रहमान

जैसे कोई ज़िद्दी बच्चा कब बहले बहलाने से

हुमैरा रहमान

तज़ईन-ए-बज़्म-ए-ग़म के लिए कोई शय तो हो

होश तिर्मिज़ी

कभी आहें कभी नाले कभी आँसू निकले

होश तिर्मिज़ी

देखे हैं जो ग़म दिल से भुलाए नहीं जाते

होश तिर्मिज़ी

ज़िंदगी की बात सुन कर क्या कहें

हिमायत अली शाएर

मैं कुछ न कहूँ और ये चाहूँ कि मिरी बात

हिमायत अली शाएर

हरीफ़-ए-विसाल

हिमायत अली शाएर

ये बात तो नहीं है कि मैं कम स्वाद था

हिमायत अली शाएर

यम-ब-यम फैला हुआ है प्यास का सहरा यहाँ

हिमायत अली शाएर

साए चमक रहे थे सियासत की बात थी

हिमायत अली शाएर

रात सुनसान दश्त ओ दर ख़ामोश

हिमायत अली शाएर

जो कुछ भी गुज़रता है मिरे दिल पे गुज़र जाए

हिमायत अली शाएर

दस्तक हवा ने दी है ज़रा ग़ौर से सुनो

हिमायत अली शाएर

बाहर जो नहीं था तो कोई बात नहीं थी

हिलाल फ़रीद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.