दाग Poetry (page 3)

हुस्न पर बोझ हुए उस के ही वा'दे अब तो

वली आलम शाहीन

सहे ग़म पए रफ़्तगाँ कैसे कैसे

वाजिद अली शाह अख़्तर

नायाब है सुकून दिल-ए-बे-क़रार में

वाजिद अली शाह अख़्तर

दिखाते हैं जो ये सनम देखते हैं

वाजिद अली शाह अख़्तर

अल्लाह ऐ बुतो हमें दिखलाए लखनऊ

वाजिद अली शाह अख़्तर

सीने में मिरे दाग़-ए-ग़म-ए-इश्क़-ए-नबी है

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

यही है इश्क़ की मुश्किल तो मुश्किल आसाँ है

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

नहीं कि इश्क़ नहीं है गुल ओ समन से मुझे

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

किस नाम-ए-मुबारक ने मज़ा मुँह को दिया है

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

सितम है दिल के धड़कने को भी क़रार कहें

वहीदा नसीम

रौशन हों दिल के दाग़ तो लब पर फ़ुग़ाँ कहाँ

वहीदा नसीम

हवा के वार पे अब वार करने वाला है

विकास शर्मा राज़

सीने के दाग़ उन को दिखाए न जा सके

वली मदनी

नूर-जहाँ का मज़ार

तिलोकचंद महरूम

ज़हे क़िस्मत अगर तुम को हमारा दिल पसंद आया

तिलोकचंद महरूम

हैरत-ज़दा मैं उन के मुक़ाबिल में रह गया

तिलोकचंद महरूम

तुम अच्छे थे तुम को रुस्वा हम ने किया

तौसीफ़ तबस्सुम

अच्छे हैं फ़ासले के ये तारे सजाते हैं

तासीर सिद्दीक़ी

अच्छे हैं फ़ासले के ये तारे सजाते हैं

तासीर सिद्दीक़ी

ज़ेहन में हो कोई मंज़िल तो नज़र में ले जाऊँ

तसव्वुर ज़ैदी

ग़म-ए-ज़माना जब न हो ग़म-ए-वजूद ढूँड लूँ

तनवीर अंजुम

कभी वो मिस्ल-ए-गुल मुझे मिसाल-ए-ख़ार चाहिए

तनवीर अंजुम

वो रक़्स कहाँ और वो तब-ओ-ताब कहाँ है

तनवीर अहमद अल्वी

न पहुँचा साथ यारान-ए-सफ़र की ना-तवानी से

तालिब अली खान ऐशी

पाबंदी-ए-हुदूद से बेगाना चाहिए

ताबिश देहलवी

हर इक दाग़-ए-दिल शम्अ' साँ देखता हूँ

ताबिश देहलवी

ज़वाल की आख़िरी चीख़

तबस्सुम काश्मीरी

तुम्हीं बताओ पुकारा है बार बार किसे

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

तुम्हीं बताओ पुकारा है बार बार किसे

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

नुमू के फ़ैज़ से रंग-ए-चमन निखर सा गया

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.