दीवार Poetry (page 6)

पल पल जीने की ख़्वाहिश में कर्ब-ए-शाम-ओ-सहर माँगा

ज़फ़र गोरखपुरी

जो अपनी है वो ख़ाक-ए-दिल-नशीं ही काम आएगी

ज़फ़र गोरखपुरी

बदन कजला गया तो दिल की ताबानी से निकलूँगा

ज़फ़र गोरखपुरी

अश्क-ए-ग़म आँख से बाहर भी नहीं आने का

ज़फ़र गोरखपुरी

ये दश्त-ए-शौक़ का लम्बा सफ़र अच्छा नहीं लगता

ज़फ़र अंसारी ज़फ़र

हम गरचे दिल ओ जान से बेज़ार हुए हैं

यूसुफ़ ज़फ़र

ख़ुद-फ़रेबी

यूसुफ़ तक़ी

दर्द की ख़ुशबू से ये महका रहा

यूसुफ़ तक़ी

कितने पेच-ओ-ताब में ज़ंजीर होना है मुझे

यूसुफ़ हसन

सिमटे रहे तो दर्द की तन्हाइयाँ मिलीं

यूसुफ़ आज़मी

एक दीवार उठाई थी बड़ी उजलत में

यासमीन हामिद

पर्दा आँखों से हटाने में बहुत देर लगी

यासमीन हामिद

कोई पूछे मिरे महताब से मेरे सितारों से

यासमीन हमीद

दरिया की रवानी वही दहशत भी वही है

यासमीन हमीद

अता-ए-अब्र से इंकार करना चाहिए था

यासमीन हमीद

करम नहीं तो सितम ही सही रवा रखना

यासीन क़ुदरत

पलकों पे रुका क़तरा-ए-मुज़्तर की तरह हूँ

यासीन अफ़ज़ाल

मिरी दुआओं की सब नग़्मगी तमाम हुई

याक़ूब यावर

मिरे चारों तरफ़ एक आहनी दीवार क्यूँ है

याक़ूब तसव्वुर

इक ख़ला सा है जिधर देखो इधर कुछ भी नहीं

याक़ूब आमिर

सरीर-ए-सल्तनत से आस्तान-ए-यार बेहतर था

इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन

सरीर-ए-सल्तनत से आस्तान-ए-यार बेहतर था

इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन

इस क़दर ग़र्क़ लहू में ये दिल-ए-ज़ार न था

इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन

वाँ नक़ाब उट्ठी कि सुब्ह-ए-हश्र का मंज़र खुला

यगाना चंगेज़ी

वहशत थी हम थे साया-ए-दीवार-ए-यार था

यगाना चंगेज़ी

साया अगर नसीब हो दीवार-ए-यार का

यगाना चंगेज़ी

आँख दिखलाने लगा है वो फ़ुसूँ-साज़ मुझे

यगाना चंगेज़ी

रंग है ऐ साक़ी-ए-सरशार क़ैसर-बाग़ में

वज़ीर अली सबा लखनवी

निरवान

वज़ीर आग़ा

मुसाफ़िर चलते रहते हैं

वज़ीर आग़ा

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.