गहर Poetry (page 5)

वो सब में हम को बार-ए-दिगर देखते रहे

हाशिम रज़ा जलालपुरी

जो बात हक़ीक़त हो बे-ख़ौफ़-ओ-ख़तर कहिए

हसीब रहबर

माल-ओ-मता-ए-दश्त सराबों को दे दिया

हसन नईम

इश्क़ के बाब में किरदार हूँ दीवाने का

हसन नईम

आई पतझड़ गिरे फ़स्ल-ए-गुल के निशाँ रात-भर में

हसन अख्तर जलील

कौन देखे मेरी शाख़ों के समर टूटे हुए

हसन आबिदी

कलियों का तबस्सुम हो, कि तुम हो कि सबा हो

हरी चंद अख़्तर

ये फ़ज़ा-ए-नील-गूँ ये बाल-ओ-पर काफ़ी नहीं

हनीफ़ फ़ौक़

काबा ओ दैर में है किस के लिए दिल जाता

हैदर अली आतिश

काम हिम्मत से जवाँ मर्द अगर लेता है

हैदर अली आतिश

जौहर नहीं हमारे हैं सय्याद पर खुले

हैदर अली आतिश

इस के कूचे में मसीहा हर सहर जाता रहा

हैदर अली आतिश

बाज़ार-ए-दहर में तिरी मंज़िल कहाँ न थी

हैदर अली आतिश

इक नया कर्ब मिरे दिल में जनम लेता है

हफ़ीज़ ताईब

ज़ुल्मत को ज़िया सरसर को सबा बंदे को ख़ुदा क्या लिखना

हबीब जालिब

महताब-सिफ़त लोग यहाँ ख़ाक-बसर हैं

हबीब जालिब

है नौ-जवानी में ज़ोफ़-ए-पीरी बदन में रअशा कमर में ख़म है

हबीब मूसवी

है आठ पहर तू जल्वा-नुमा तिमसाल-ए-नज़र है परतव-ए-रुख़

हबीब मूसवी

ज़ाहिर मुसाफ़िरों का हुनर हो नहीं रहा

गुलज़ार बुख़ारी

हर शजर के तईं होता है समर से पैवंद

ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी

क्यूँकर न ख़ुश हो सर मिरा लटक्का के दार में

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

क़दमों से मेरे गर्द-ए-सफ़र कौन ले गया

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

मक़्सूद-ए-उल्फ़त

ग़ुलाम भीक नैरंग

सूरज को क्या पता है किधर धूप चाहिए

ग़यास मतीन

तिरे जवाहिर-ए-तरफ़-ए-कुलह को क्या देखें

ग़ालिब

दाम-ए-हर-मौज में है हल्क़ा-ए-सद-काम-ए-नहंग

ग़ालिब

ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं

ग़ालिब

महरम नहीं है तू ही नवा-हा-ए-राज़ का

ग़ालिब

हैराँ हूँ दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं

ग़ालिब

अफ़्सोस कि दंदाँ का किया रिज़्क़ फ़लक ने

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.