गुल Poetry (page 51)

ना-फ़हमी अपनी पर्दा है दीदार के लिए

हैदर अली आतिश

मिरे दिल को शौक़-ए-फ़ुग़ाँ नहीं मिरे लब तक आती दुआ नहीं

हैदर अली आतिश

मय-ए-गुल-रंग से लबरेज़ रहें जाम सफ़ेद

हैदर अली आतिश

मगर उस को फ़रेब-ए-नर्गिस-ए-मस्ताना आता है

हैदर अली आतिश

लिबास-ए-यार को मैं पारा-पारा क्या करता

हैदर अली आतिश

ख़ार मतलूब जो होवे तो गुलिस्ताँ माँगूँ

हैदर अली आतिश

कौन से दिल में मोहब्बत नहीं जानी तेरी

हैदर अली आतिश

काम हिम्मत से जवाँ मर्द अगर लेता है

हैदर अली आतिश

इंसाफ़ की तराज़ू में तौला अयाँ हुआ

हैदर अली आतिश

हुस्न-ए-परी इक जल्वा-ए-मस्ताना है उस का

हैदर अली आतिश

हसरत-ए-जल्वा-ए-दीदार लिए फिरती है

हैदर अली आतिश

ग़म नहीं गो ऐ फ़लक रुत्बा है मुझ को ख़ार का

हैदर अली आतिश

फ़र्त-ए-शौक़ उस बुत के कूचे में लगा ले जाएगा

हैदर अली आतिश

फ़रेब-ए-हुस्न से गब्र-ओ-मुसलमाँ का चलन बिगड़ा

हैदर अली आतिश

दीवानगी ने क्या क्या आलम दिखा दिए हैं

हैदर अली आतिश

दिल-लगी अपनी तिरे ज़िक्र से किस रात न थी

हैदर अली आतिश

दिल शहीद-ए-रह-ए-दामान न हुआ था सो हुआ

हैदर अली आतिश

दौलत-ए-हुस्न की भी है क्या लूट

हैदर अली आतिश

दहन पर हैं उन के गुमाँ कैसे कैसे

हैदर अली आतिश

चमन में रहने दे कौन आशियाँ नहीं मा'लूम

हैदर अली आतिश

बुलबुल को ख़ार ख़ार-ए-दबिस्ताँ है इन दिनों

हैदर अली आतिश

बर्क़ को उस पर अबस गिरने की हैं तय्यारियाँ

हैदर अली आतिश

बरगश्ता-तालई का तमाशा दिखाऊँ मैं

हैदर अली आतिश

ऐ जुनूँ होते हैं सहरा पर उतारे शहर से

हैदर अली आतिश

आश्ना गोश से उस गुल के सुख़न है किस का

हैदर अली आतिश

आरिफ़ है वो जो हुस्न का जूया जहाँ में है

हैदर अली आतिश

आइना सीना-ए-साहब-नज़राँ है कि जो था

हैदर अली आतिश

आबले पावँ के क्या तू ने हमारे तोड़े

हैदर अली आतिश

सिमटा तिरा ख़याल तो गुल-रंग अश्क था

हफ़ीज़ ताईब

पत्थर में फ़न के फूल खिला कर चला गया

हफ़ीज़ ताईब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.