गुल Poetry (page 91)

बहुत तज़्किरा दास्तानों में था

अबरार आज़मी

यक़ीन है कि गुमाँ है मुझे नहीं मालूम

अबरार अहमद

क़िस्से से तिरे मेरी कहानी से ज़ियादा

अबरार अहमद

लाला-ज़ारों में ज़र्द फूल हूँ मैं

आबिद मुनावरी

कुछ न किया अरबाब-ए-जुनूँ ने फिर भी इतना काम किया

अब्दुर रऊफ़ उरूज

सफ़ेद-पोश दरिंदों ने गुल खिलाए थे

अब्दुर्रहीम नश्तर

अगर हो ख़ौफ़-ज़दा ताक़त-ए-बयाँ कैसी

अब्दुर्रहीम नश्तर

गुलचीं बहार-ए-गुल में न कर मन-ए-सैर-ए-बाग़

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

पाबंद हर जफ़ा पे तुम्हारी वफ़ा के हैं

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

मिज़्गाँ ने रोका आँखों में दम इंतिज़ार से

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

क्या कीजिए रक़म सनद-ए-एहतिशाम-ए-ज़ुल्फ़

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

इतना यक़ीन रख कि गुमाँ बाक़ी रहे

अब्दुल्लाह कमाल

बड़ा मुख़्लिस हूँ पाबंद-ए-वफ़ा हूँ

अब्दुल्लाह कमाल

अभी गुनाह का मौसम है आ शबाब में आ

अब्दुल्लाह कमाल

रूह को क़ालिब के अंदर जानना मुश्किल हुआ

अब्दुल्लाह जावेद

जो गुज़रता है गुज़र जाए जी

अब्दुल्लाह जावेद

चमका जो चाँद रात का चेहरा निखर गया

अब्दुल्लाह जावेद

मिरा दिल मुब्तला है झाँवली का

अब्दुल वहाब यकरू

मस्त अँखियाँ का देख दुम्बाला

अब्दुल वहाब यकरू

गुदाज़-ए-आतिश-ए-ग़म सीं हुई हैं बावली अँखियाँ

अब्दुल वहाब यकरू

अगर वो गुल-बदन दरिया नहाने बे-हिजाब आवे

अब्दुल वहाब यकरू

मुझे एहसास ये पल पल रहा है

अब्दुल वहाब सुख़न

काश समझते अहल-ए-ज़माना

अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची

फिर आया जाम-ब-कफ़ गुल-एज़ार ऐ वाइज़

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

नहीं सुनता नहीं आता नहीं बस मेरा चलता है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

क्यूँ ख़फ़ा तू है क्या कहा मैं ने

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

दोश-ब-दोश दोश था मुझ से बुत-ए-करिश्मा-कोश

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

बाग़ में जब कि वो दिल ख़ूँ-कुन-ए-हर-गुल पहुँचे

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

हर आन नई शान है हर लम्हा नया है

अब्दुल मन्नान तरज़ी

ग़ज़ल में फ़न का जौहर जब दिखाते हैं ग़ज़ल वाले

अब्दुल मन्नान तरज़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.