प्रेम Poetry (page 3)

ग़ुबार-ए-इश्क़ से हस्ती को भरने वाला हूँ मैं

ज़ीशान साजिद

हुआ है इश्क़ में कम हुस्न-ए-इत्तिफ़ाक़ ऐसा

ज़ेबा

किस शेर में सना-ए-रुख़-ए-मह-जबीं नहीं

ज़ेबा

जफ़ा-पसंदों को सुनते हैं ना-पसंद हुआ

ज़ेबा

ऐसी तश्बीह फ़क़त हुस्न की बदनामी है

ज़ेबा

वहशत में हर इक नक़्शा उल्टा नज़र आता है

ज़रीफ़ लखनवी

क़ैस कहता था यही फ़िक्र है दिन-रात मुझे

ज़रीफ़ लखनवी

करेंगे सब ये दा'वा नक़्द-ए-दिल जो हार बैठे हैं

ज़रीफ़ लखनवी

फ़िल्मी इश्क़

ज़रीफ़ जबलपूरी

न आँसुओं में कभी था न दिल की आह में है

ज़मीर काज़मी

ज़मीन-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा पे उड़ती हिकायतें भी नई नहीं हैं

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

उस ने निगाह-ए-लुत्फ़-ओ-करम बार बार की

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

क्या बताएँ ग़म-ए-फ़ुर्क़त में कहाँ से गुज़रे

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

ख़्वाब-नगर के शहज़ादे ने ऐसे भी निरवान लिया

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

इस बज़्म-ए-तसव्वुर में बस यार की बातें हैं

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

हैं गर्दिशें भी रवाँ बख़्त के सितारे में

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

इक इश्क़-ए-ना-तमाम है रुस्वाइयाँ तमाम

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

धूप थे सब रास्ते दरकार था साया हमें

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

दर्द शायान-ए-शान-ए-दिल भी नहीं

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

ऐ क़लंदर आ तसव्वुफ़ में सँवर कर रक़्स कर

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

दरीदा-जैब गरेबाँ भी चाक चाहता है

ज़की तारिक़

दरीदा-जैब गरेबाँ भी चाक चाहता है

ज़की तारिक़

रुमूज़-ए-इश्क़ की गहराइयाँ सलामत हैं

ज़की काकोरवी

तिरी जुस्तुजू तिरी आरज़ू मुझे काम तेरे ही काम से

ज़की काकोरवी

ऐ दिल तिरी आहों में इतना तो असर आए

ज़की काकोरवी

आप पर जब से तबीअत आई

ज़की काकोरवी

क्या नज़ारा था मेरी आँखों में

ज़करिय़ा शाज़

न पर्दा खोलियो ऐ इश्क़ ग़म में तू मेरा

ज़ैनुल आब्दीन ख़ाँ आरिफ़

दस्त-ए-तलब दराज़ ज़ियादा न कर सके

ज़ैन रामिश

मशरब-ए-हुस्न के उन्वान बदल जाते हैं

ज़ेब बरैलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.