जिन्न Poetry (page 15)

दर्द जब शाएरी में ढलते हैं

सलमान अख़्तर

कभी मिली है जो फ़ुर्सत तो ये हिसाब किया

सलीम शुजाअ अंसारी

जब आसमान ज़मीं पर उतरने लगता है

सलीम शुजाअ अंसारी

खींच भी लीजिए अच्छा तो है तस्वीर-ए-जुनूँ

सालिक लखनवी

फिर जी उठे हैं जिस से वो इम्कान तुम नहीं

सलीम कौसर

मैं उसे तुझ से मिला देता मगर दिल मेरे

सलीम कौसर

चराग़-ए-याद की लौ हम-सफ़र कहाँ तक है

सलीम कौसर

कुछ नए ख़्वाब हर इक फ़स्ल में पाले गए हैं

सलीम फ़राज़

हर-चंद मिरा शौक़-ए-सफ़र यूँ न रहेगा

सलीम फ़राज़

फ़स्ल-ए-जुनूँ में दामन-ओ-दिल चाक भी नहीं

सलीम फ़राज़

अभी मौजूद थी लेकिन अभी गुम हो गई है

सलीम फ़राज़

वो जुनूँ को बढ़ाए जाएँगे

सलीम अहमद

इश्क़ और इतना मोहज़्ज़ब छोड़ कर दीवाना-पन

सलीम अहमद

दीदनी है हमारी ज़ेबाई

सलीम अहमद

खींचे है मुझे दस्त-ए-जुनूँ दश्त-ए-तलब में

सज्जाद बाक़र रिज़वी

दीवार क़हक़हा

सज्जाद बाक़र रिज़वी

वो तेरी इनायत की सज़ा याद है अब तक

सज्जाद बाक़र रिज़वी

हम राज़-ए-गिरफ़्तारी-ए-दिल जान गए हैं

सज्जाद बाक़र रिज़वी

हज़ार शुक्र कभी तेरा आसरा न गया

सज्जाद बाक़र रिज़वी

हमें चार सम्त की दौड़ में वही गर्द-ए-बाद-ए-सदा मिला

सज्जाद बाक़र रिज़वी

हाल-ए-दिल कुछ जो सर-ए-बज़्म कहा है मैं ने

सज्जाद बाक़र रिज़वी

दिल है तो मुक़ामात-ए-फुग़ाँ और भी होंगे

सज्जाद बाक़र रिज़वी

दिल दश्त है वफ़ूर-ए-तमन्ना ग़ुबार है

सज्जाद बाक़र रिज़वी

अब वो जो नहीं उन की तमन्ना भी बहुत है

सज्जाद बाक़र रिज़वी

रहीन-ए-ख़्वाब हूँ और ख़्वाब के मकाँ में हूँ

सज्जाद बलूच

रहीन-ए-ख़्वाब हूँ और ख़्वाब के मकाँ में हूँ

सज्जाद बलूच

कहाँ ज़मीं के ज़ईफ़ ज़ीने पे चल रही है

सज्जाद बलूच

वो इश्क़ जो हम को लाहिक़ था

साजिदा ज़ैदी

कब से महव-ए-सफ़र हो

साजिदा ज़ैदी

वफ़ा-ओ-मेहर-ओ-अल्ताफ़-ओ-करम थे हम-इनाँ क्या क्या

साजिदा ज़ैदी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.