लहू Poetry (page 4)

कहिए किन लफ़्ज़ों में अश्कों की कहानी लिक्खूँ

यूनुस ग़ाज़ी

बताऊँ मैं तुम्हें आँखों में आँसू या लहू क्या है

यूनुस ग़ाज़ी

आती है फ़ुग़ाँ लब पे मिरे क़ल्ब-ओ-जिगर से

योगेन्द्र बहल तिश्ना

हम ने किसी को अहद-ए-वफ़ा से रिहा किया

यासमीन हमीद

यूँ बाग़ कोई हम ने उजड़ता नहीं देखा

यशपाल गुप्ता

हुसूल-ए-रिज़्क़ के अरमाँ निकालते गुज़री

याक़ूब तसव्वुर

इस क़दर ग़र्क़ लहू में ये दिल-ए-ज़ार न था

इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन

रंग और रूप से जो बाला है

वज़ीर आग़ा

दिन ढल चुका था और परिंदा सफ़र में था

वज़ीर आग़ा

धार सी ताज़ा लहू की शबनम-अफ़्शानी में है

वज़ीर आग़ा

बुझते हुए चराग़ फ़रोज़ाँ करेंगे हम

वासिफ़ देहलवी

उदास रातों में तेज़ कॉफ़ी की तल्ख़ियों में

वसी शाह

दुख दर्द में हमेशा निकाले तुम्हारे ख़त

वसी शाह

सभी का धूप से बचने को सर नहीं होता

वसीम बरेलवी

दुआ करो कि कोई प्यास नज़्र-ए-जाम न हो

वसीम बरेलवी

मुझ को दुनिया से बे-ख़बर कर दे

वसीम अकरम

लहू लहू सा दिल-ए-दाग़-दार ले के चले

वाक़िफ़ राय बरेलवी

नज़र मिलते ही बरसे अश्क-ए-ख़ूँ क्यूँ दीदा-ए-तर से

वक़ार बिजनोरी

किस ने बसाया था और उन को किस ने यूँ बर्बाद किया

वामिक़ जौनपुरी

देहली

वामिक़ जौनपुरी

रात के समुंदर में ग़म की नाव चलती है

वामिक़ जौनपुरी

हालात से फ़रार की क्या जुस्तुजू करें

वामिक़ जौनपुरी

दीवाने दीवाने ठहरे खेल गए अँगारों से

वामिक़ जौनपुरी

दिल के वीराने को यूँ आबाद कर लेते हैं हम

वामिक़ जौनपुरी

पहले सफ़-ए-उश्शाक़ में मेरा ही लहू चाट

वलीउल्लाह मुहिब

जिसे गर्म-इख़्तिलाती की लगा दे दिल में तू आतिश

वलीउल्लाह मुहिब

जी चाहे का'बे जाओ जी चाहे बुत को पूजो

वलीउल्लाह मुहिब

मिरे नज़'अ को मत उस से कहो हुआ सो हुआ

वली उज़लत

ग़ुंचा-ए-दिल मिरा खा कर गुल-ए-ख़ंदाँ मेरा

वली उज़लत

गर मेरे लहू रोने का बारान बनेगा

वली उज़लत

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.