वस्त्र Poetry (page 10)

जी-दारो! दोज़ख़ की हवा में किस की मोहब्बत जलती है

अज़ीज़ हामिद मदनी

मैं उस के सामने उर्यां लगूँगी दुनिया को

अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

जिन को दीवार-ओ-दर भी ढक न सके

अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

वो इक नज़र से मुझे बे-असास कर देगा

अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

किस क़दर कम-असास हैं कुछ लोग

अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

ख़याल आता है अक्सर उतार फेंकूँ बदन

अज़ीम हैदर सय्यद

ज़मीं की ख़ाक तो अफ़्लाक से ज़ियादा है

अज़ीम हैदर सय्यद

कमी है कौन सी घर में दिखाने लग गए हैं

अज़हर फ़राग़

कुछ और हो भी तो राएगाँ है

अय्यूब ख़ावर

गरचे मैं सर से पैर तलक नोक-ए-संग था

अतीक़ुल्लाह

पहुँचा दिया उमीद को तूफ़ान-ए-यास तक

अतहर नासिक

वो ग़ज़ल की किताब है प्यारे

अतीक़ अंज़र

गुमाँ के तन पे यक़ीं का लिबास रहने दो

अतीब एजाज़

ख़ाना-ब-दोश

असरार-उल-हक़ मजाज़

इधर भी आ

असरार-उल-हक़ मजाज़

बरहनगी का मुदावा कोई लिबास न था

असरार ज़ैदी

मौजूद जो नहीं वही देखा बना हुआ

आसिम वास्ती

क़ैदी रिहा हुए थे पहन कर नए लिबास

अासिफ़ साक़िब

बज़्म-ए-सुख़न को आप की दिल-गीर चल पड़े

अासिफ़ साक़िब

घर वापसी

अशोक लाल

उठाओ संग कि हम में सनक बहुत है अभी

अशफ़ाक़ अंजुम

मैं सोचता तो हूँ लेकिन ये बात किस से कहूँ

अशफ़ाक़ अंजुम

पीला था चाँद और शजर बे-लिबास थे

अशफ़ाक़ नासिर

ये तो सच है कि टूटे फूटे हैं

असग़र मेहदी होश

प्यासा रहा मैं बाला-क़दी के फ़रेब में

असग़र मेहदी होश

जला जला के दिए पास पास रखते हैं

असग़र मेहदी होश

हमेशा तंग रहा मुझ पे ज़िंदगी का लिबास

असग़र मेहदी होश

बस कि इक लम्स की उम्मीद पे वारे हुए हैं

अरशद जमाल 'सारिम'

खुलने से एक जिस्म के सौ ऐब ढक गए

अरशद अली ख़ान क़लक़

अगर न जामा-ए-हस्ती मिरा निकल जाता

अरशद अली ख़ान क़लक़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.