दृश्य Poetry (page 6)

देखने में ये काँच का घर है

वजद चुगताई

ज़ेर-ए-पा अब न ज़मीं है न फ़लक है सर पर

वहीद अख़्तर

खंडर आसेब और फूल

वहीद अख़्तर

जिस को माना था ख़ुदा ख़ाक का पैकर निकला

वहीद अख़्तर

कोई बस्ती कि मुझ में बस्ती है

वहीद अहमद

करना है कार-ए-ख़ैर तो फिर सर न देखना

विश्मा ख़ान विश्मा

तिरी जब नींद का दफ़्तर खुला था

विशाल खुल्लर

उठ रहा है दम-ब-दम डर का धुआँ

वसाफ़ बासित

फैला न यूँ ख़ुलूस की चादर मिरे लिए

वली मदनी

अँधेरी शब में चराग़-ए-रह-ए-वफ़ा देना

उषा भदोरिया

ज़िंदाबाद ऐ दश्त के मंज़र ज़िंदाबाद

उनवान चिश्ती

बाहर बाहर सन्नाटा है अंदर अंदर शोर बहुत

उमर अंसारी

दाएँ बाज़ू में गड़ा तीर नहीं खींच सका

उमैर नजमी

एक साए की तलब में ज़िंदगी पहुँची यहाँ

तुफ़ैल चतुर्वेदी

वो अव्वलीं दर्द की गवाही सजी हुई बज़्म-ए-ख़्वाब जैसे

तौसीफ़ तबस्सुम

तुम अच्छे थे तुम को रुस्वा हम ने किया

तौसीफ़ तबस्सुम

आइना मिलता तो शायद नज़र आते ख़ुद को

तौसीफ़ तबस्सुम

सब्ज़ पेड़ों को पता तक नहीं चलता शायद

तौक़ीर तक़ी

रूठ कर आँख के अंदर से निकल जाते हैं

तौक़ीर तक़ी

कोई तासीर तो है इस की नवा में ऐसी

तौक़ीर तक़ी

वो जो इक इल्ज़ाम था उस पर कहीं

तौक़ीर रज़ा

अपने मंज़र से जुदा था इक दिन

तौक़ीर अब्बास

फिर तिरे हिज्र के जज़्बात ने अंगड़ाई ली

तसनीम फ़ारूक़ी

एक सन्नाटा सा तक़रीर में रक्खा गया था

तसनीम आबिदी

ज़ेहन में हो कोई मंज़िल तो नज़र में ले जाऊँ

तसव्वुर ज़ैदी

एक मुद्दत से ये मंज़र नहीं बदला 'तारिक़'

तारिक़ क़मर

ख़िज़ाँ-नसीबों पे बैन करती हुई हवाएँ

तारिक़ क़मर

जौन-एलिया से आख़री मुलाक़ात

तारिक़ क़मर

हवा रुकी है तो रक़्स-ए-शरर भी ख़त्म हुआ

तारिक़ क़मर

चश्म-ए-बीना! तिरे बाज़ार का मेआर हैं हम

तारिक़ क़मर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.