नाम Poetry (page 5)

तिरी जुस्तुजू तिरी आरज़ू मुझे काम तेरे ही काम से

ज़की काकोरवी

क़यामत का कोई हंगाम उभरे

ज़काउद्दीन शायाँ

उस पे करना मिरे नालों ने असर छोड़ दिया

ज़ैनुल आब्दीन ख़ाँ आरिफ़

न आए सामने मेरे अगर नहीं आता

ज़ैनुल आब्दीन ख़ाँ आरिफ़

अच्छा हुआ कि दम शब-ए-हिज्राँ निकल गया

ज़ैनुल आब्दीन ख़ाँ आरिफ़

रख दिया ख़ल्क़ ने नाम उस का क़यामत ऐ 'ज़ेब'

ज़ेब उस्मानिया

ख़ाक पर ही मिरे आँसू हैं न दामन में कहीं

ज़ेब उस्मानिया

मिरे लोगो! मैं ख़ाली हाथ आया हूँ

ज़ाहिद मसूद

दार-उल-अमान के दरवाज़े पर

ज़ाहिद मसूद

कल रात बहुत ज़ोर था साहिल की हवा में

ज़ाहिद मसूद

मिज़ाज-ए-शे'र को हर दौर में रहा महबूब

ज़ाहिद कमाल

नीम-लिबासी का नौहा

ज़ाहिद इमरोज़

हम इज़ाफ़ी मिट्टी से बने

ज़ाहिद इमरोज़

लौह-ए-मज़ार देख के जी दंग रह गया

ज़हीर काश्मीरी

ख़ैर से रहता है रौशन नाम-ए-नेक

ज़हीर देहलवी

गुदगुदाया जो उन्हें नाम किसी का ले कर

ज़हीर देहलवी

ये सब कहने की बातें हैं हम उन को छोड़ बैठे हैं

ज़हीर देहलवी

रंग जमने न दिया बात को चलने न दिया

ज़हीर देहलवी

क्यूँ किसी से वफ़ा करे कोई

ज़हीर देहलवी

कुछ न कुछ रंज वो दे जाते हैं आते जाते

ज़हीर देहलवी

गुल हुआ ये किस की हस्ती का चराग़

ज़हीर देहलवी

भूल कर हरगिज़ न लेते हम ज़बाँ से नाम-ए-इश्क़

ज़हीर देहलवी

अभी से आ गईं नाम-ए-ख़ुदा हैं शोख़ियाँ क्या-क्या

ज़हीर देहलवी

उम्र-ए-अबद का मा-हसल इश्क़ का दौर-ए-ना-तमाम

ज़फ़र ताबाँ

उम्र-ए-अबद का मा-हसल इश्क़ का दौर-ए-ना-तमाम

ज़फ़र ताबाँ

कभी कभी कोई चेहरा ये काम करता है

ज़फ़र सहबाई

बे-क़नाअत क़ाफ़िले हिर्स-ओ-हवा ओढ़े हुए

ज़फ़र मुरादाबादी

सफ़र का सिलसिला आख़िर कहाँ तमाम करूँ

ज़फ़र इक़बाल ज़फ़र

कनीज़-ए-वक़्त को नीलाम कर दिया सब ने

ज़फ़र इक़बाल ज़फ़र

ये भी मुमकिन है कि इस कार-गह-ए-दिल में 'ज़फ़र'

ज़फ़र इक़बाल

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