लिंक Poetry (page 6)

मुलाक़ात

हबीब जालिब

और सब भूल गए हर्फ़-ए-सदाक़त लिखना

हबीब जालिब

और सब भूल गए हर्फ़ सदाक़त लिखना

हबीब जालिब

और रब्त जिसे कुफ़्र से है या'नी बरहमन

ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी

उस ने माइल-ब-करम हो के बुलाया है मुझे

गोपाल मित्तल

तुझे कल ही से नहीं बे-कली न कुछ आज ही से रहा क़लक़

ग़ुलाम मौला क़लक़

मातम-ए-दीद है दीदार का ख़्वाहाँ होना

ग़ुलाम मौला क़लक़

आप के महरम असरार थे अग़्यार कि हम

ग़ुलाम मौला क़लक़

ख़ुदा-ए-बर्तर ने आसमाँ को ज़मीन पर मेहरबाँ किया है

ग़ुलाम हुसैन साजिद

एक घर अपने लिए तय्यार करना है मुझे

ग़ुलाम हुसैन साजिद

ख़ला के दश्त से अब रिश्ता अपना क़त्अ करूँ

ग़ज़नफ़र

आँधी में भी चराग़ मगन है सबा के साथ

ग़ौसिया ख़ान सबीन

रहम कर ज़ालिम कि क्या बूद-ए-चराग़-ए-कुश्ता है

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

न लेवे गर ख़स-ए-जौहर तरावत सब्ज़ा-ए-ख़त से

ग़ालिब

हम रश्क को अपने भी गवारा नहीं करते

ग़ालिब

हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है

ग़ालिब

है बज़्म-ए-बुताँ में सुख़न आज़ुर्दा-लबों से

ग़ालिब

क़ुर्ब ही कम है न दूरी ही ज़ियादा लेकिन

फ़िराक़ गोरखपुरी

ग़म तिरा जल्वा-गह-ए-कौन-ओ-मकाँ है कि जो था

फ़िराक़ गोरखपुरी

आज भी क़ाफ़िला-ए-इश्क़ रवाँ है कि जो था

फ़िराक़ गोरखपुरी

मिरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया

फ़ाज़िल जमीली

आँखों के ख़्वाब दिल की जवानी भी ले गया

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

मैं टूट कर उसे चाहूँ ये इख़्तियार भी हो

फ़ातिमा हसन

मैं टूट कर उसे चाहूँ ये इख़्तियार भी हो

फ़ातिमा हसन

ये गर्द-ए-राह ये माहौल ये धुआँ जैसे

फ़ारूक़ मुज़्तर

उन्हें गुमाँ कि मुझे उन से रब्त है 'सालिम'

फ़रहान सालिम

मता-ए-दर्द मआल-ए-हयात है शायद

फ़रहान सालिम

इस वक़्त तो यूँ लगता है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

मिरी हयात को बे-रब्त बाब रहने दे

एहतिशाम अख्तर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.