शोर Poetry (page 13)

मेरे नाले पर नहीं तुझ को तग़ाफ़ुल के सिवा

रज़ा अज़ीमाबादी

किस लिए सहरा के मुहताज-ए-तमाशा होजिए

रज़ा अज़ीमाबादी

हर नफ़स मूरिद-ए-सफ़र हैं हम

रज़ा अज़ीमाबादी

क्या देखते हैं आप झिजक कर शराब में

रौनक़ टोंकवी

सब होत न होत से नथरी हुई आसान ग़ज़ल हूँ छा के सुनो

रउफ़ रज़ा

बहुत ख़ूबियाँ हैं हवस-कार दिल में

रउफ़ रज़ा

इस ख़ार-मिज़ाजी में फूलों की तरह खिलना

रउफ़ ख़लिश

तमाम क़ज़िया मकान भर था

राशिद जमाल फ़ारूक़ी

तेरी आवाज़

राशिद अनवर राशिद

क्या कोई याद तिरे दिल को दुखाती है हवा

राशिद अनवर राशिद

एक तस्वीर जो कमरे में लगाई हुई है

राशिद अमीन

तजज़िया

राशिद आज़र

ख़्वाबों के रिश्ते

राशिद आज़र

चाँद तन्हा है कहकशाँ तन्हा

रशीदुज़्ज़फ़र

गुम-गश्ता मंज़िलों का मुझे फिर निशान दे

रशीद क़ैसरानी

यक़ीनन है कोई माह-ए-मुनव्वर पीछे चिलमन के

रंजूर अज़ीमाबादी

जनाज़ा धूम से उस आशिक़-ए-जाँ-बाज़ का निकले

रंजूर अज़ीमाबादी

एक दो ख़्वाब अगर देख लिए जाएँगे

राना आमिर लियाक़त

सिर्फ़ बच्चे ही नहीं शोर मचाने आते

रम्ज़ी असीम

वो जितना मुझे आज़माता रहेगा

राजेन्द्र कलकल

तर्क जिस दिन से किया हम ने शकेबाई का

रजब अली बेग सुरूर

आख़िरी गाली

राजा मेहदी अली ख़ाँ

हासिल का सफ़र

राज नारायण राज़

क्या बात थी कि जो भी सुना अन-सुना हुआ

राज नारायण राज़

ये ज़र्द चेहरा ये दर्द-ए-पैहम कोई सुनेगा तो क्या कहेगा

रईस सिद्दीक़ी

बस इक ख़ता की मुसलसल सज़ा अभी तक है

रईस सिद्दीक़ी

इस्फ़न्ज की अंधी सीढ़ियों पर

रईस फ़रोग़

कितनी ही बारिशें हों शिकायत ज़रा नहीं

रईस फ़रोग़

कितनी ही बारिशें हों शिकायत ज़रा नहीं

रईस फ़रोग़

किसी किसी की तरफ़ देखता तो मैं भी हूँ

रईस फ़रोग़

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