समय Poetry (page 17)

घर है तिरा तू शौक़ से आने के लिए आ

रम्ज़ आफ़ाक़ी

ज़िंदाँ में भी वही लब-ओ-रुख़्सार देखते

राम रियाज़

लहकती लहरों में जाँ है किनारे ज़िंदा हैं

राम रियाज़

गुज़िश्ता अहल-ए-सफ़र को जहाँ सुकून मिला

राम रियाज़

मुझे मिली है अगर इन्फ़िरादियत की सनद

राम दास

दिए जला के हवाओं के मुँह पे मार आया

रख़शां हाशमी

रक़्स

राजेन्द्र मनचंदा बानी

हर्फ़-ए-ग़ैर

राजेन्द्र मनचंदा बानी

ज़माँ मकाँ थे मिरे सामने बिखरते हुए

राजेन्द्र मनचंदा बानी

न मंज़िलें थीं न कुछ दिल में था न सर में था

राजेन्द्र मनचंदा बानी

आज तो रोने को जी हो जैसे

राजेन्द्र मनचंदा बानी

इक मोहब्बत के सिवा और न कुछ माँगा था

राजेन्द्र कृष्ण

यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए

राजेन्द्र कृष्ण

किस तरह जीते हैं ये लोग बता दो यारो

राजेन्द्र कृष्ण

इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ

राजेन्द्र कृष्ण

दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और

राजेश रेड्डी

हँसी हँसी में हर इक ग़म छुपाने आते हैं

रईस सिद्दीक़ी

सफ़र में कोई रुकावट नहीं गदा के लिए

रईस अमरोहवी

क्यूँ न हम याद किसी को सहर-ओ-शाम करें

रहमत इलाही बर्क़ आज़मी

हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले

इरफ़ान सत्तार

चैत का फूल

इक़तिदार जावेद

मौसमों की बातों तक गुफ़्तुगू रही अपनी

इक़बाल उमर

दोस्तों में वाक़ई ये बहस भी अक्सर हुई

इक़बाल उमर

अजब सदा ये नुमाइश में कल सुनाई दी

इक़बाल साजिद

नगर में रहते थे लेकिन घरों से दूर रहे

इक़बाल मिनहास

हस्ब-ए-मामूल आए हैं शाख़ों में फूल अब के बरस

इक़बाल माहिर

सुपुर्द-ए-ग़म-ज़दगान-ए-सफ़-ए-वफ़ा हुआ मैं

इक़बाल कौसर

अभी मिरा आफ़्ताब उफ़ुक़ की हुदूद से आश्ना नहीं है

इक़बाल कौसर

टुकड़े टुकड़े मिरा दामान-ए-शकेबाई है

इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल

ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पिए जाते हैं

इक़बाल अज़ीम

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.