चंद्रमा Poetry (page 17)

अफ़्सोस क्या जो हम भी तुम्हारे नहीं रहे

सरदार सोज़

उन बुतों से रब्त तोड़ा चाहिए

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

नाला शब-ए-फ़िराक़ जो कोई निकल गया

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

काली घटा कब आएगी फ़स्ल-ए-बहार में

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

जिस का राहिब शैख़ हो बुत-ख़ाना ऐसा चाहिए

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

सरख़ुशी मेरे लिए असबाब-ए-ग़म मेरे लिए

सरस्वती सरन कैफ़

दीदा-ए-दोस्त तिरी चश्म-नुमाई की क़सम

साक़िब लखनवी

यहीं कहीं पे कभी शोला-कार मैं भी था

साक़ी फ़ारुक़ी

सुर्ख़ चमन ज़ंजीर किए हैं सब्ज़ समुंदर लाया हूँ

साक़ी फ़ारुक़ी

दिल थामता कि चश्म पे करता तिरी निगाह

सनाउल्लाह फ़िराक़

ग़ैर के दिल में न जा कीजिएगा

सनाउल्लाह फ़िराक़

हम तो यूँ उलझे कि भूले आप ही अपना ख़याल

समीना राजा

वो गुम हुए हैं मुसाफ़िर रह-ए-तमन्ना में

समद अंसारी

चश्म-ए-हैराँ को यूँ ही महव-ए-नज़र छोड़ गए

समद अंसारी

हिसार-ए-तीरगी

सलमान अंसारी

तआ'क़ुब मेरा ख़ुशबू कर रही थी

सलमा शाहीन

ख़्वाहिश-ए-तख़्त न अब दिरहम-ओ-दीनार की गूँज

सलीम सिद्दीक़ी

इक दरीचे की तमन्ना मुझे दूभर हुई है

सलीम सिद्दीक़ी

सुब्ह-ए-सफ़र का राज़ किसी पर यहाँ न खोल

सलीम शाहिद

खुलती है गुफ़्तुगू से गिरह पेच-ओ-ताब की

सलीम शाहिद

फ़र्श-ए-ज़मीं पे बर्ग-ए-ख़िज़ानी का रंग है

सलीम शाहिद

अब्र सरका चाँद की चेहरा-नुमाई हो गई

सलीम शाहिद

वुसअत है वही तंगी-अफ़्लाक वही है

सलीम कौसर

आँख के कुंज में इक दश्त-ए-तमन्ना ले कर

सलीम बेताब

निकल गए हैं जो बादल बरसने वाले थे

सलीम अहमद

नींद से पहले

सलीम अहमद

वो लोग भी हैं जो मौजों से डर गए होंगे

सलीम अहमद

मैं सर छुपाऊँ कहाँ साया-ए-नज़र के बग़ैर

सलीम अहमद

कुछ हैं मंज़र हाल के कुछ ख़्वाब मुस्तक़बिल के हैं

सलीम अहमद

किन नक़ाबों में है मस्तूर वो हुस्न-ए-मा'सूम

सलीम अहमद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.