दर Poetry (page 101)

मुसाफ़िरत में शब-ए-वग़ा तक पहुँच गए हैं

अब्बास ताबिश

मह-रुख़ जो घरों से कभी बाहर निकल आए

अब्बास ताबिश

हवा-ए-तेज़ तिरा एक काम आख़िरी है

अब्बास ताबिश

फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता

अब्बास ताबिश

एक क़दम तेग़ पे और एक शरर पर रक्खा

अब्बास ताबिश

अजब सौदा-ए-वहशत है दिल-ए-ख़ुद-सर में रहता है

अब्बास ताबिश

ख़ौफ़ ऐसा है कि दुनिया के सताए हुए लोग

अब्बास रिज़वी

सितारे चाहते हैं माहताब माँगते हैं

अब्बास रिज़वी

जिस को हम समझते थे उम्र भर का रिश्ता है

अब्बास रिज़वी

हम तिरे हुस्न-ए-जहाँ-ताब से डर जाते हैं

अब्बास रिज़वी

गुज़र गया वो ज़माना वो ज़ख़्म भर भी गए

अब्बास रिज़वी

लम्हा-दर-लम्हा तिरी राह तका करती है

अब्बास क़मर

न हो जिस पे भरोसा उस से हम यारी नहीं रखते

अब्बास दाना

जो हैं मज़लूम उन को तो तड़पता छोड़ देते हैं

अब्बास दाना

अपने अपने सूराख़ों का डर

अब्बास अतहर

तुम्हें गिला ही सही हम तमाशा करते हैं

आतिफ़ कमाल राना

फिर किसी हादसे का दर खोले

अस्नाथ कंवल

काग़ज़ क़लम दवात के अंदर रुक जाता है

अस्नाथ कंवल

नसरी नज़्म

आसी रिज़वी

सरशार हूँ साक़ी की आँखों के तसव्वुर से

आसी रामनगरी

न मेरे दिल न जिगर पर न दीदा-ए-तर पर

आसी ग़ाज़ीपुरी

एक जल्वे की हवस वो दम-ए-रेहलत भी नहीं

आसी ग़ाज़ीपुरी

घर में और बहुत कुछ था

आशुफ़्ता चंगेज़ी

दिल देता है हिर-फिर के उसी दर पे सदाएँ

आशुफ़्ता चंगेज़ी

ये भी नहीं बीमार न थे

आशुफ़्ता चंगेज़ी

बोसीदा जिस्म-ओ-जाँ की क़बाएँ लिए हुए

आस मोहम्मद मोहसिन

दरकार तहफ़्फ़ुज़ है प साँस भी लेना है

आनिस मुईन

तू मेरा है

आनिस मुईन

मैं डर रहा हूँ हर इक इम्तिहान से पहले

आनन्द सरूप अंजुम

लहू लहू आरज़ू बदन का लिहाफ़ होगा

आनन्द सरूप अंजुम

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.