दीद Poetry (page 4)

आँखों से तुझ को याद मैं करता हूँ रोज़-ओ-शब

शाह नसीर

तिरे है ज़ुल्फ़ ओ रुख़ की दीद सुब्ह-ओ-शाम आशिक़ का

शाह नसीर

लगा जब अक्स-ए-अबरू देखने दिलदार पानी में

शाह नसीर

दिल जल्वा-गाह-ए-सूरत-ए-जानाना हो गया

शाह नसीर

तुम्हारी याद तो लिपटी है पूरे घर के मंज़र से

सगुफ़ता यासमीन

करते हैं अगर मुझ से वो प्यार तो आ जाएँ

शफ़ीक़ ख़लिश

मिस्ल-ए-ख़ंजर लेसान रखते हैं

शाद लखनवी

जो थके थके से थे हौसले वो शबाब बन के मचल गए

शायर लखनवी

मक़्दूर नहीं उस की तजल्ली के बयाँ का

मोहम्मद रफ़ी सौदा

मगर वो दीद को आया था बाग़ में गुल के

मोहम्मद रफ़ी सौदा

बे-वज्ह नईं है आइना हर बार देखना

मोहम्मद रफ़ी सौदा

क़ाबिज़ रहा है दिल पे जो सुल्तान की तरह

सरफ़राज़ शाहिद

जिसे तू ने समझा है ज़िंदगी उसी इंक़लाब का नाम है

सरीर काबिरी

तसव्वुरात की दुनिया सजाए बैठे हैं

सरदार सोज़

आज दीवाने का ज़ौक़-ए-दीद पूरा हो गया

सरदार सलीम

आज दीवाने का ज़ौक़-ए-दीद पूरा हो गया

सरदार सलीम

मेरा शुमार कर ले अदद के बग़ैर भी

सरदार अयाग़

हम सोज़-ए-दिल बयाँ करें तुम से कहाँ तलक

सरस्वती सरन कैफ़

वो दुख जो सोए हुए हैं उन्हें जगा दूँगा

साक़ी फ़ारुक़ी

शरह-ए-जमाल कीजे शहादत के मा-सिवा

समद अंसारी

ख़ुद अपनी दीद से अंधी हैं आँखें

सलीम अहमद

नया मज़मूँ किताब-ए-ज़ीस्त का हूँ

सलीम अहमद

किसी दश्त का लब-ए-ख़ुश्क हूँ जो न पाए मुज़्दा-ए-आब तक

सलीम अहमद

तुम ग़लत समझे हमें और परेशानी है

सज्जाद बलूच

तुम ग़लत समझे हमें और परेशानी है

सज्जाद बलूच

किश्त-ए-वीराँ की तरह तिश्ना रही रात मिरी

साजिदा ज़ैदी

कुछ तो रंगीनी-ए-अफ़कार खुले

सैफ़ुद्दीन सैफ़

मस्त-ए-निगाह-ए-नाज़ का अरमाँ निकालिए

साहिर देहल्वी

चमन में रह के भी क्यूँ दिल की वीरानी नहीं जाती

सहर महमूद

अब यही रंज-ए-बे-दिली मुझ को मिटाए या बनाए

सहर अंसारी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.