हाल Poetry (page 34)

ग़ैर आए पीछे पा गए मुजरे का बार पहले

ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी

आइना है ये जहाँ इस में जमाल अपना है

ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी

जफ़ा-ए-दिल-शिकन

ग़ुलाम दस्तगीर मुबीन

मैं इक मुसाफ़ि-ए-तन्हा मिरा सफ़र तन्हा

गुहर खैराबादी

तुम वफ़ा का एवज़ जफ़ा समझे

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

गिला क्या करूँ ऐ फ़लक बता मिरे हक़ में जब ये जहाँ नहीं

गोर बचन सिंह दयाल मग़मूम

शे'र कहने का मज़ा है अब तो

गोपाल मित्तल

मुझ पे तू मेहरबान है प्यारे

गोपाल मित्तल

फ़क़त इक शग़्ल बेकारी है अब बादा-कशी अपनी

गोपाल मित्तल

काविश-ए-बे-सूद

ग़ज़ाला ख़ाकवानी

मिरी गिरफ़्त में है ताएर-ए-ख़याल मिरा

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

मेरे लब तक जो न आई वो दुआ कैसी थी

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

सोते हैं वो आईना ले कर ख़्वाबों में बाल बनाते हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

बन से फ़सील-ए-शहर तक कोई सवार भी नहीं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

वही वा'दा है वही आरज़ू वही अपनी उम्र-ए-तमाम है

ग़ुलाम मौला क़लक़

कहिए क्या और फ़ैसले की बात

ग़ुलाम मौला क़लक़

हर अदावत की इब्तिदा है इश्क़

ग़ुलाम मौला क़लक़

ऐ ख़ार ख़ार-ए-हसरत क्या क्या फ़िगार हैं हम

ग़ुलाम मौला क़लक़

किस तरह वाक़िफ़ हों हाल-ए-आशिक़-ए-जाँ-बाज़ से

ग़ुलाम भीक नैरंग

कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती

ग़ुलाम भीक नैरंग

पुराने जूते

ग़ुलाम अहमद फ़रीद

तसल्ली को हमारी बाग़बाँ कुछ और कहता है

ग़ुबार भट्टी

अजब इंक़लाब का दौर है कि हर एक सम्त फ़िशार है

ग़ुबार भट्टी

क़ल्ब-ओ-नज़र के सिलसिले मेरी निगाह में रहे

गाैस मथरावी

मुहीत-ए-हुस्न जो अब दम-ब-दम चढ़ाव पे है

ग़ज़नफ़र अली ग़ज़नफ़र

यक़ीन जानिए इस में कोई करामत है

ग़ज़नफ़र

इक सर्द-जंग का है असर मेरे ख़ून में

ग़ौसिया ख़ान सबीन

न पूछ हिज्र में जो हाल अब हमारा है

ग़मगीन देहलवी

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़

ग़ालिब

समझ के करते हैं बाज़ार में वो पुर्सिश-ए-हाल

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.