जान Poetry (page 63)

हमारी तिश्ना-लबी अब सुबू से खेलेगी

अफ़ीफ़ सिराज

वो जान-ए-नौ-बहार जिधर से गुज़र गया

आदिल मंसूरी

तिलिस्मी ग़ार का दरवाज़ा

आदिल मंसूरी

चल निकलो

आदिल मंसूरी

जीता है सिर्फ़ तेरे लिए कौन मर के देख

आदिल मंसूरी

होने को यूँ तो शहर में अपना मकान था

आदिल मंसूरी

गाँठी है उस ने दोस्ती इक पेश-इमाम से

आदिल मंसूरी

दरवाज़ा बंद देख के मेरे मकान का

आदिल मंसूरी

दुम

आदिल लखनवी

हर इक जवाब की तह में सवाल आएगा

आदिल हयात

आने वाला है कोई मेहमान क्या

आदिल हयात

दुकान-दार

अदील ज़ैदी

तज्दीद-ए-रिवायात-ए-कुहन करते रहेंगे

अबुल मुजाहिद ज़ाहिद

तमाम हिज्र उसी का विसाल है उस का

अबुल हसनात हक़्क़ी

आगे वो जा भी चुके लुत्फ़-ए-नज़ारा भी गया

अबु मोहम्मद वासिल

माना अपनी जान को वो भी दिल का रोग लगाएँगे

अबु मोहम्मद सहर

ख़्वाबों का नश्शा है न तमन्ना का सिलसिला

अबु मोहम्मद सहर

जब ये दावे थे कि हर दुख का मुदावा हो गए

अबु मोहम्मद सहर

चाँद का रक़्स सितारों का फ़ुसूँ माँगती है

अबु मोहम्मद सहर

उस वक़्त जान प्यारे हम पावते हैं जी सा

आबरू शाह मुबारक

तुम्हारी जब सीं आई हैं सजन दुखने को लाल अँखियाँ

आबरू शाह मुबारक

शब-ए-सियाह हुआ रोज़ ऐ सजन तुझ बिन

आबरू शाह मुबारक

सैर-ए-बहार-ए-हुस्न ही अँखियों का काम जान

आबरू शाह मुबारक

पलंग कूँ छोड़ ख़ाली गोद सीं जब उठ गया मीता

आबरू शाह मुबारक

नालाँ हुआ है जल कर सीने में मन हमारा

आबरू शाह मुबारक

मगर तुम सीं हुआ है आश्ना दिल

आबरू शाह मुबारक

क्यूँ बंद सब खुले हैं क्यूँ चीर अटपटा है

आबरू शाह मुबारक

क्या शोख़ अचपले हैं तेरे नयन ममोला

आबरू शाह मुबारक

ख़ुदा के वास्ते ऐ यार हम सीं आ मिल जा

आबरू शाह मुबारक

कहो तुम किस सबब रूठे हो प्यारे बे-गुनह हम सीं

आबरू शाह मुबारक

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.