जिगर Poetry (page 26)

मिरा ख़ून-ए-जिगर पुर-नूर बन जाए तो अच्छा हो

अली ज़हीर लखनवी

सर-ए-तूर

अली सरदार जाफ़री

प्यास की आग

अली सरदार जाफ़री

दोस्ती का हाथ

अली सरदार जाफ़री

याद आए हैं अहद-ए-जुनूँ के खोए हुए दिल-दार बहुत

अली सरदार जाफ़री

याद आए हैं अहद-ए-जुनूँ के खोए हुए दिलदार बहुत

अली सरदार जाफ़री

उलझे काँटों से कि खेले गुल-ए-तर से पहले

अली सरदार जाफ़री

तख़्लीक़ पे फ़ितरत की गुज़रता है गुमाँ और

अली सरदार जाफ़री

हम जो महफ़िल में तिरी सीना-फ़िगार आते हैं

अली सरदार जाफ़री

इक तुर्फ़ा तमाशा सर-ए-बाज़ार बनेगा

अली मुतहर अशअर

मंज़िल-ए-दिल मिली कहाँ ख़त्म-ए-सफ़र के बाद भी

अली जव्वाद ज़ैदी

दिल के दाग़ में सीसा है और ज़ख़्म-ए-जिगर में ताँबा है

अली अकबर नातिक़

वो अर्ज़-ए-ग़म पे मश्वरा-ए-इख़्तिसार दे

अलीम उस्मानी

इक जुनूँ कहिए उसे जो मिरे सर से निकला

अलीम मसरूर

मेरे सुकून-ए-क़ल्ब को ले कर चले गए

अलीम अख़्तर

वो क्या गए पयाम-ए-सफ़र दे गए मुझे

अलीम अख़्तर

यादें

अख़्तर-उल-ईमान

बे-तअल्लुक़ी

अख़्तर-उल-ईमान

आँख दरिया जिगर लहू करना

अख़्तर ज़ियाई

किस की आँखों का लिए दिल पे असर जाते हैं

अख़्तर शीरानी

मुद्दत से लापता है ख़ुदा जाने क्या हुआ

अख़्तर सईद ख़ान

रह-ए-वफ़ा में लुटा कर मता-ए-क़ल्ब-ओ-जिगर

अख़तर मुस्लिमी

मुझ को मंज़ूर नहीं इश्क़ को रुस्वा करना

अख़तर मुस्लिमी

किस को कहते हैं जफ़ा क्या है वफ़ा याद नहीं

अख़तर मुस्लिमी

अश्क जब दीदा-ए-तर से निकला

अख़तर इमाम रिज़वी

सुना के अपने ऐश-ए-ताम की रूदाद के टुकड़े

अख़्तर अंसारी

साफ़ ज़ाहिर है निगाहों से कि हम मरते हैं

अख़्तर अंसारी

क़सम इन आँखों की जिन से लहू टपकता है

अख़्तर अंसारी

पुर-कैफ़ ज़ियाएँ होती हैं पुर-नूर उजाले होते हैं

अख़्तर अंसारी

हर वक़्त नौहा-ख़्वाँ सी रहती हैं मेरी आँखें

अख़्तर अंसारी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.