जोश Poetry (page 1)

ये जहान-ए-आब-ओ-गिल लगता है इक माया मुझे

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

न आए काम किसी के जो ज़िंदगी क्या है

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

दूर किनारा

मीराजी

कहाँ का सब्र सौ सौ बार दीवानों के दिल टूटे

ज़िया जालंधरी

आसूदा-ए-महफ़िल अभी दम भर न हुआ था

ज़हीर अहमद ताज

वो आफ़्ताब में है और न माहताब में है

ज़ाहिद चौधरी

गो मुब्तला-ए-गर्दिश-ए-शाम-ओ-सहर हूँ मैं

ज़ाहिद चौधरी

मकीन ही अजीब हैं

ज़हीर सिद्दीक़ी

रहता तो है उस बज़्म में चर्चा मिरे दिल का

ज़हीर देहलवी

फटा पड़ता है जोबन और जोश-ए-नौ-जवानी है

ज़हीर देहलवी

फ़ित्ना-गर शोख़ी-ए-हया कब तक

ज़हीर देहलवी

ईमाँ के साथ ख़ामी-ए-ईमाँ भी चाहिए

ज़फ़र इक़बाल

दिन पर सोच सुलगती है या कभी रात के बारे में

ज़फ़र इक़बाल

अगर इस खेल में अब वो भी शामिल होने वाला है

ज़फ़र इक़बाल

उमंगों में वही जोश-ए-तमन्ना-ज़ाद बाक़ी है

याक़ूब उस्मानी

पड़ गई दिल में तिरे तशरीफ़ फ़रमाने में धूम

इनामुल्लाह ख़ाँ यक़ीन

साया अगर नसीब हो दीवार-ए-यार का

यगाना चंगेज़ी

रौशन तमाम काबा ओ बुत-ख़ाना हो गया

यगाना चंगेज़ी

जब उस बे-मेहर को ऐ जज़्ब-ए-दिल कुछ जोश आता है

वज़ीर अली सबा लखनवी

रंग है ऐ साक़ी-ए-सरशार क़ैसर-बाग़ में

वज़ीर अली सबा लखनवी

जो अदू-ए-बाग़ हो बरबाद हो

वज़ीर अली सबा लखनवी

ऐ सनम सब हैं तिरे हाथों से नालाँ आज-कल

वज़ीर अली सबा लखनवी

ऐ सबा जज़्ब पे जिस दम दिल-ए-नाशाद आया

वज़ीर अली सबा लखनवी

अगर रोना ही अब मेरा मुक़द्दर है मोहब्बत में

वक़ार मानवी

देखा जो कुछ जहाँ में कोई दम ये सब नहीं

वलीउल्लाह मुहिब

ज़ब्त करता हूँ वले इस पर भी है ये जोश-ए-अश्क

मीर तस्कीन देहलवी

रहने वालों को तिरे कूचे के ये क्या हो गया

मीर तस्कीन देहलवी

हुए थे भाग के पर्दे में तुम निहाँ क्यूँकर

मीर तस्कीन देहलवी

सुकूत-ए-शब में

तारिक़ क़मर

तमाम शहर ही तेरी अदा से क़ाएम है

तालीफ़ हैदर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.