पूर्णिमा Poetry (page 2)

शक़ आफ़ियत-कनार किनारे को कर गई

शफ़क़त तनवीर मिर्ज़ा

दीवानगी-ए-शौक़ का सामाँ सजा के ला

शफ़ीक़ देहलवी

अब उन्हें मुझ से कुछ हिजाब नहीं

शबनम रूमानी

रुख़ तिरा माहताब की सूरत

सीमाब बटालवी

पाँव साकित हो गए 'सरवत' किसी को देख कर

सरवत हुसैन

रात बाग़ीचे पे थी और रौशनी पत्थर में थी

सरवत हुसैन

कहीं ये तस्कीन-ए-दिल न देखी कहीं ये आराम-ए-जाँ न देखा

सरस्वती सरन कैफ़

ये कौन आया शबिस्ताँ के ख़्वाब पहने हुए

साक़ी फ़ारुक़ी

चश्म-ए-तर है कोई सराब नहीं

संदीप कोल नादिम

पत्थर की नींद सोती है बस्ती जगाइए

समद अंसारी

जंगली नाच

सलाम मछली शहरी

आप इज़्ज़त-मआब सच-मुच के

साजिद प्रेमी

दिल इज़्तिराब में है जिगर इल्तिहाब में

साइब आसमी

सदा-ए-जावेदाँ

साहिर होशियारपुरी

हिसाब-ए-शब

सहर अंसारी

ला इक ख़ुम-ए-शराब कि मौसम ख़राब है

साग़र सिद्दीक़ी

न ज़िक्र गुल का कहीं है न माहताब का है

सदा अम्बालवी

न ज़िक्र गुल का कहीं है न माहताब का है

सदा अम्बालवी

ख़िज़ाँ से सीना भरा हो लेकिन तुम अपना चेहरा गुलाब रखना

साबिर वसीम

पी ली हम ने शराब पी ली

रियाज़ ख़ैराबादी

हिज्र की शब हाथ में ले कर चराग़-ए-माहताब

रिन्द लखनवी

मुझे ग़रज़ है सितारे न माहताब के साथ

रहमान फ़ारिस

शब-ओ-रोज़ रक़्स-ए-विसाल था सो नहीं रहा

रेहाना रूही

सुकूँ है हमनवा-ए-इज़्तिराब आहिस्ता आहिस्ता

रविश सिद्दीक़ी

देता है मुझ को चर्ख़-ए-कुहन बार बार दाग़

रंजूर अज़ीमाबादी

कोई नश्शा न कोई ख़्वाब ख़रीद

राही फ़िदाई

नक़ाब चेहरे से उस के कभी सरकता था

इरफ़ान अहमद

पाता हूँ इज़्तिराब रुख़-ए-पुर-हिजाब में

इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल

मिल गए पर हिजाब बाक़ी है

इंशा अल्लाह ख़ान

बग़ैर यार गवारा नहीं कबाब शराब

इमदाद अली बहर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.