गंतव्य Poetry (page 4)

हर नया रस्ता निकलता है जो मंज़िल के लिए

याक़ूब आमिर

क्या हुआ हम से जो दुनिया बद-गुमाँ होने लगी

याक़ूब आमिर

इक ख़ला सा है जिधर देखो इधर कुछ भी नहीं

याक़ूब आमिर

न संग-ए-मील न नक़्श-ए-क़दम न बाँग-ए-जरस

यगाना चंगेज़ी

उदासी छा गई चेहरे पे शम-ए-महफ़िल के

यगाना चंगेज़ी

कारगाह-ए-दुनिया की नेस्ती भी हस्ती है

यगाना चंगेज़ी

काम दीवानों को शहरों से न बाज़ारों से

यगाना चंगेज़ी

सकता

वज़ीर आग़ा

ज़ुलेख़ा के वक़ार-ए-इश्क़ को सहरा से क्या निस्बत

वासिफ़ देहलवी

पाँव ज़ख़्मी हुए और दूर है मंज़िल 'वासिफ़'

वासिफ़ देहलवी

वो जिस की जुस्तुजू-ए-दीद में पथरा गईं आँखें

वासिफ़ देहलवी

नहीं मालूम कितने हो चुके हैं इम्तिहाँ अब तक

वासिफ़ देहलवी

इज़्ज़त उन्हें मिली वही आख़िर बड़े रहे

वासिफ़ देहलवी

हरीम-ए-नाज़ को हम ग़ैर की महफ़िल नहीं कहते

वासिफ़ देहलवी

हम-सफ़र थम तो सही दिल को सँभालूँ तो चलूँ

वासिफ़ देहलवी

बयाँ ऐ हम-नशीं ग़म की हिकायत और हो जाती

वासिफ़ देहलवी

वह जानते ही नहीं

वसीम बरेलवी

तेरी याद

वसीम बरेलवी

सिर्फ़ तेरा नाम ले कर रह गया

वसीम बरेलवी

खेल मौजों का ख़तरनाक सही क्या मैं इस खेल से डर जाऊँगा

वाक़िफ़ राय बरेलवी

बदले हुए हालात से मायूस न होना

वाक़िफ़ राय बरेलवी

सिदरत-उल-वस्ल के साए का तलबगार हूँ मैं

वक़ार ख़ान

नज़र मिलते ही बरसे अश्क-ए-ख़ूँ क्यूँ दीदा-ए-तर से

वक़ार बिजनोरी

मस्त नज़रों का इल्तिफ़ात न पूछ

वक़ार बिजनोरी

चश्म-ए-यक़ीं से देखिए जल्वा-गह-ए-सिफ़ात में

वक़ार बिजनोरी

ये हम को छोड़ के तन्हा कहाँ चले 'वामिक़'

वामिक़ जौनपुरी

सफ़र-ए-ना-तमाम

वामिक़ जौनपुरी

अभी तो हौसला-ए-कारोबार बाक़ी है

वामिक़ जौनपुरी

न तय एक रकअत की मंज़िल हुई

वलीउल्लाह मुहिब

पहले सफ़-ए-उश्शाक़ में मेरा ही लहू चाट

वलीउल्लाह मुहिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.