रेग Poetry (page 5)

साँप को मत जगा

सत्यपाल आनंद

शिकोह-ए-आब में गुम थे जिहत-निशाँ मेरे

सत्तार सय्यद

हर एक ख़्वाब सो गया ख़याल जागते रहे

सरवत ज़ेहरा

उन को देखा तो तबीअ'त में रवानी आई

सरदार सोज़

किसी रुत में जब मुस्कुराता है तू

सलीम शहज़ाद

मुलाक़ातों का ऐसा सिलसिला रक्खा है तुम ने

सलीम कौसर

मिलना न मिलना एक बहाना है और बस

सलीम कौसर

कहानी लिखते हुए दास्ताँ सुनाते हुए

सलीम कौसर

कभी मौसम साथ नहीं देते कभी बेल मुंडेर नहीं चढ़ती

सलीम कौसर

चमकती ओस की सूरत गुलों की आरज़ू होना

सलीम फ़िगार

हमें चार सम्त की दौड़ में वही गर्द-ए-बाद-ए-सदा मिला

सज्जाद बाक़र रिज़वी

तुझे खो कर मोहब्बत को ज़ियादा कर लिया मैं ने

सज्जाद बलूच

तुझे खो कर मोहब्बत को ज़ियादा कर लिया मैं ने

सज्जाद बलूच

इक हवा उट्ठेगी सारे बाल-ओ-पर ले जाएगी

सज्जाद बाबर

कभी ज़ुहूर में आ जा कमाल होने दे

साइम जी

क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल

सैफ़ुद्दीन सैफ़

जागा है कच्ची नींद से मत छेड़िए उसे

सैफ़ सहसराम

ढलक के गिरने से ये दिल मिरा डरा हुआ है

सईद इक़बाल सादी

तेरे महल में कैसे बसर हो इस की तो गीराई बहुत है

साहिर होशियारपुरी

सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे

साग़र निज़ामी

फिर कोई आ रहा है दिल के क़रीब

सफ़दर मीर

बे-सबब ठीक नहीं घर से निकल कर जाना

सईद आरिफ़ी

अज़मत-ए-फ़िक्र के अंदाज़ अयाँ भी होंगे

सादिक़ नसीम

यूँ तो इक उम्र साथ साथ हुई

सदा अम्बालवी

ख़िज़ाँ की रुत है जनम-दिन है और धुआँ और फूल

साबिर ज़फ़र

लहू में नाचती हमेश्गी उदास हो के रह गई

साबिर ज़फ़र

ख़िज़ाँ की रुत है जनम-दिन है और धुआँ और फूल

साबिर ज़फ़र

ये महर ओ मह बे-चराग़ ऐसे कि राख बन कर बिखर रहे हैं

साबिर वसीम

लोगो ये अजीब सानेहा है

साबिर वसीम

शाख़ों पर जब पत्ते हिलने लगते हैं

सबा नुसरत

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.