धरती Poetry (page 9)

सवाद-ए-हिज्र में रक्खा हुआ दिया हूँ मैं

इफ़्तिख़ार मुग़ल

वफ़ा के बाब में कार-ए-सुख़न तमाम हुआ

इफ़्तिख़ार आरिफ़

इल्तिजा

इफ़्तिख़ार आरिफ़

मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर दे

इफ़्तिख़ार आरिफ़

मेरा मालिक जब तौफ़ीक़ अर्ज़ानी करता है

इफ़्तिख़ार आरिफ़

मंज़र से हैं न दीदा-ए-बीना के दम से हैं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

जुनूँ का रंग भी हो शोला-ए-नुमू का भी हो

इफ़्तिख़ार आरिफ़

दैर-ओ-हरम में दश्त-ओ-बयाबान-ओ-बाग़ में

इब्राहीम होश

चाँद का हुस्न भी ज़मीन से है

इब्न-ए-सफ़ी

यूँही वाबस्तगी नहीं होती

इब्न-ए-सफ़ी

जिन पे नाज़ाँ थे ये ज़मीन ओ फ़लक

इब्न-ए-मुफ़्ती

नफ़रतें न अदावतें बाक़ी हैं

इब्न-ए-मुफ़्ती

ढली जो शाम नज़र से उतर गया सूरज

हुसैन ताज रिज़वी

मिसाल-ए-ख़ाक कहीं पर बिखर के देखते हैं

हुमैरा राहत

हारून की आवाज़

हिमायत अली शाएर

जब तक ज़मीं पे रेंगते साए रहेंगे हम

हिमायत अली शाएर

ज़माना देखता है हंस के चश्म-ए-ख़ूँ-फ़िशाँ मेरी

हीरा लाल फ़लक देहलवी

कृष्ण

हसरत मोहानी

रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम

हसरत मोहानी

नज़र न आए हम अहल-ए-नज़र के होते हुए

हसीब सोज़

खिलने लगे हैं फूल और पत्ते हरे हुए

हसन रिज़वी

वो जो दर्द था तिरे इश्क़ का वही हर्फ़ हर्फ़-ए-सुख़न में है

हसन नईम

माल-ओ-मता-ए-दश्त सराबों को दे दिया

हसन नईम

'हसन-जमील' तिरा घर अगर ज़मीन पे है

हसन जमील

वो पेच-ओ-ख़म जहाँ की हर इक रहगुज़र में है

हरबंस लाल अनेजा 'जमाल'

किस के ख़याल ने मुझे शोरीदा कर दिया

हनीफ़ तरीन

ख़ुद ख़मोशी के हिसारों में रहे

हामिदी काश्मीरी

हवा की पुश्त पर

हमीद अलमास

सरहद-ए-गुल से निकल कर हम जुदा हो जाएँगे

हमीद अलमास

बदले हुए से लगते हैं अब मौसमों के रंग

हमदम कशमीरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.