आंख Poetry (page 7)

कुछ लोग दिल की आड़ में रू-पोश हो गए

विश्मा ख़ान विश्मा

बचा के आँख बिछड़ जाएँ उस से चुपके से

विपुल कुमार

खोए हुए सहरा तक ऐ बाद-ए-सबा जाना

वारिस किरमानी

मेघा

उरूज जाफ़री

हुस्न से आँख लड़ी हो जैसे

उनवान चिश्ती

हिजाब उट्ठे हैं लेकिन वो रू-ब-रू तो नहीं

उम्मीद फ़ाज़ली

कोई वादा न देंगे दान में क्या

तुफ़ैल चतुर्वेदी

जो भी तेरी आँख को भा जाएगा

तुफ़ैल बिस्मिल

इक बहाना है तुझे याद किए जाने का

तुफ़ैल बिस्मिल

ख़ुदा से वक़्त-ए-दुआ हम सवाल कर बैठे

तिलोकचंद महरूम

देखने वाली अगर आँख को पहचान सकें

तौसीफ़ तबस्सुम

वो अव्वलीं दर्द की गवाही सजी हुई बज़्म-ए-ख़्वाब जैसे

तौसीफ़ तबस्सुम

सुनो कवी तौसीफ़ तबस्सुम इस दुख से क्या पाओगे

तौसीफ़ तबस्सुम

मेरी सूरत साया-ए-दीवार-ओ-दर में कौन है

तौसीफ़ तबस्सुम

मेरी सूरत साया-ए-दीवार-ओ-दर में कौन है

तौसीफ़ तबस्सुम

काश इक शब के लिए ख़ुद को मयस्सर हो जाएँ

तौसीफ़ तबस्सुम

बजा कि दरपय-ए-आज़ार चश्म-ए-तर है बहुत

तौसीफ़ तबस्सुम

आख़िर ख़ुद अपने ही लहू में डूब के सर्फ़-ए-विग़ा होगे

तौसीफ़ तबस्सुम

रूठ कर आँख के अंदर से निकल जाते हैं

तौक़ीर तक़ी

लफ़्ज़ की क़ैद से रिहा हो जा

तौक़ीर तक़ी

रूठ कर आँख के अंदर से निकल जाते हैं

तौक़ीर तक़ी

लफ़्ज़ की क़ैद से रिहा हो जा

तौक़ीर तक़ी

बदन में रूह की तर्सील करने वाले लोग

तौक़ीर तक़ी

एक ख़्वाब

तौक़ीर अहमद

ज़ब्त करता हूँ वले इस पर भी है ये जोश-ए-अश्क

मीर तस्कीन देहलवी

रहने वालों को तिरे कूचे के ये क्या हो गया

मीर तस्कीन देहलवी

बाक़ी सब कुछ फ़ानी है

तारिक़ राशीद दरवेश

ज़ेहन पर बोझ रहा, दिल भी परेशान हुआ

तारिक़ क़मर

वो मेरे ख़्वाब की ताबीर तो बताए मुझे

तारिक़ क़मर

एक तस्वीर जलानी है अभी

तारिक़ क़मर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.