बिछड़ Poetry (page 9)

क़ुर्बत भी नहीं दिल से उतर भी नहीं जाता

अहमद फ़राज़

करूँ न याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे

अहमद फ़राज़

जो भी दरून-ए-दिल है वो बाहर न आएगा

अहमद फ़राज़

हुई है शाम तो आँखों में बस गया फिर तू

अहमद फ़राज़

तू ने भी सारे ज़ख़्म किसी तौर सह लिए

अहमद अज़ीम

दस्तक हवा की सुन के कभी डर नहीं गया

अहमद अज़ीम

तो फिर वो इश्क़ ये नक़्द-ओ-नज़र बराए-फ़रोख़्त

अफ़ज़ल ख़ान

सभी बिछड़ गए मुझ से गुज़रते पल की तरह

आफ़ताब शम्सी

हिज्र-ज़ाद

आफ़ताब इक़बाल शमीम

जो मह ओ साल गुज़ारे हैं बिछड़ कर हम ने

अदीम हाशमी

हम बहर-ए-हाल दिल ओ जाँ से तुम्हारे होते

अदीम हाशमी

ये सच है उस से बिछड़ कर मुझे ज़माना हुआ

अबुल हसनात हक़्क़ी

शिकस्त-ए-अहद पर इस के सिवा बहाना भी क्या

अबुल हसनात हक़्क़ी

रूठे हैं हम से दोस्त हमारे कहाँ कहाँ

अब्दुल्लतीफ़ शौक़

कोई सुबूत-ए-जुर्म जगह पर नहीं मिला

अब्बास दाना

उस के चेहरे पे तबस्सुम की ज़िया आएगी

आनन्द सरूप अंजुम

कुछ भी नहीं है पास तुम्हारी दुआ तो है

आनन्द सरूप अंजुम

हवा चली है न पत्ता कोई हिला अब तक

आनन्द सरूप अंजुम

वही आँगन वही खिड़की वही दर याद आता है

आलोक श्रीवास्तव

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.