बिछड़ Poetry (page 8)

तज्दीद

अमजद इस्लाम अमजद

चश्म-ए-बे-ख़्वाब को सामान बहुत

अमजद इस्लाम अमजद

क्या गुज़रती है मिरे बाद उस पर

अमीर क़ज़लबाश

उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी

अमीर क़ज़लबाश

दिल में बे-नाम सी ख़ुशी है अभी

अमीर क़ज़लबाश

दर्द का शहर कहीं कर्ब का सहरा होगा

अमीर क़ज़लबाश

बंद आँखों से वो मंज़र देखूँ

अमीर क़ज़लबाश

बुरीदा बाज़ुओं में वो परिंद लाला-बार था

अम्बर बहराईची

ये कहना तुम से बिछड़ कर बिखर गया 'तिश्ना'

आलमताब तिश्ना

असीर-ए-दश्त-ए-बला का न माजरा कहना

आलमताब तिश्ना

आओ बे-पर्दा तुम्हें जल्वा-ए-पिन्हाँ की क़सम

अख़्तर शीरानी

मुद्दतों जो रहे बहारों में

अख्तर सईदी

काग़ज़ प हर्फ़ हर्फ़ निखर जाना चाहिए

अखिलेश तिवारी

ये सारे फूल ये पत्थर उसी से मिलते हैं

अकबर मासूम

पहुँच के जो सर-ए-मंज़िल बिछड़ गया मुझ से

अकबर हैदराबादी

बदन से रिश्ता-ए-जाँ मो'तबर न था मेरा

अकबर हैदराबादी

कभी तू ने ख़ुद भी सोचा कि ये प्यास है तो क्यूँ है

ऐतबार साजिद

जो ख़याल थे न क़यास थे वही लोग मुझ से बिछड़ गए

ऐतबार साजिद

ख़ौफ़-ए-जाँ आस-पास रहता है

अहसन इमाम अहसन

इक जिस्म हैं कि सर से जुदा होने वाले हैं

अहमद सग़ीर सिद्दीक़ी

ज़िंदगी से एक दिन मौसम ख़फ़ा हो जाएँगे

अहमद मुश्ताक़

बे-बर्ग शजर

अहमद हमेश

मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर

अहमद फ़राज़

हँसी-ख़ुशी से बिछड़ जा अगर बिछड़ना है

अहमद फ़राज़

हमेशा के लिए मुझ से बिछड़ जा

अहमद फ़राज़

दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है

अहमद फ़राज़

ज़ेर-ए-लब

अहमद फ़राज़

ईद-कार्ड

अहमद फ़राज़

ये आलम शौक़ का देखा न जाए

अहमद फ़राज़

तेरे क़रीब आ के बड़ी उलझनों में हूँ

अहमद फ़राज़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.