चरख़ Poetry (page 4)

पयाम ले के हवा दूर तक नहीं जाती

इमरान-उल-हक़ चौहान

हुस्न की जिंस ख़रीदार लिए फिरती है

इम्दाद इमाम असर

गर्दिश-ए-चर्ख़ से क़याम नहीं

इमदाद अली बहर

आ गया जब से नज़र वो शोख़ हरजाई मुझे

इमाम बख़्श नासिख़

वो ये कहते हैं ज़माने की तमन्ना मैं हूँ

हिज्र नाज़िम अली ख़ान

रंग-आमेज़ी से पैदा कुछ असर ऐसा हुआ

हीरा लाल फ़लक देहलवी

आह-ए-ज़िंदाँ में जो की चर्ख़ पे आवाज़ गई

हीरा लाल फ़लक देहलवी

क़त्अ हो कर काकुल-ए-शब-गीर आधी रह गई

हातिम अली मेहर

इस दौर में हर इक तह-ए-चर्ख़-ए-कुहन लुटा

हातिम अली मेहर

बुतों का ज़िक्र करो वाइज़ ख़ुदा को किस ने देखा है

हातिम अली मेहर

बे-वफ़ा गो मिले न तू मुझ को

हसरत अज़ीमाबादी

बयान-ए-शौक़ बना हर्फ़-ए-इज़्तिराब बना

हसन नईम

बरसों तिरी तलब में सफ़ीना रवाँ रहा

हसन अख्तर जलील

मिरी हयात अगर मुज़्दा-ए-सहर भी नहीं

हनीफ़ फ़ौक़

आह-ओ-फ़रियाद से मा'मूर चमन है कि जो था

हनीफ़ फ़ौक़

अभी न जाओ अभी रास्ते सजे भी नहीं

हनीफ़ असअदी

सूरज सा भी तारा हो ज़मीं सी भी ज़मीं हो

हामिद सलीम

दरयूज़ा-गरी

हमीद अलमास

फिर किसी याद का दरवाज़ा खुला आहिस्ता

हमीद अलमास

ख़ुदा दराज़ करे उम्र चर्ख़-ए-नीली की

हैदर अली आतिश

ये आरज़ू थी तुझे गुल के रू-ब-रू करते

हैदर अली आतिश

वो नाज़नीं ये नज़ाकत में कुछ यगाना हुआ

हैदर अली आतिश

वही चितवन की ख़ूँ-ख़्वारी जो आगे थी सो अब भी है

हैदर अली आतिश

कूचा-ए-दिलबर में मैं बुलबुल चमन में मस्त है

हैदर अली आतिश

हंगाम-ए-नज़'अ महव हूँ तेरे ख़याल का

हैदर अली आतिश

फ़रेब-ए-हुस्न से गब्र-ओ-मुसलमाँ का चलन बिगड़ा

हैदर अली आतिश

हुए ख़ल्क़ जब से जहाँ में हम हवस-ए-नज़ारा-ए-यार है

हबीब मूसवी

सद-साला दौर-ए-चर्ख़ था साग़र का एक दौर

गुस्ताख़ रामपुरी

साग़र में शक्ल-ए-दुख़्तर-ए-रज़ कुछ बदल गई

गुस्ताख़ रामपुरी

जफ़ा-ए-दिल-शिकन

ग़ुलाम दस्तगीर मुबीन

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.