दम Poetry (page 34)

जो दिलबर की मोहब्बत दिल से बदले

ग़ुलाम मौला क़लक़

हो जुदा ऐ चारा-गर है मुझ को आज़ार-ए-फ़िराक़

ग़ुलाम मौला क़लक़

चल दिए हम ऐ ग़म-ए-आलम विदाअ'

ग़ुलाम मौला क़लक़

बे-गाना-अदाई है सितम जौर-ओ-सितम में

ग़ुलाम मौला क़लक़

ऐ सितम-आज़मा जफ़ा कब तक

ग़ुलाम मौला क़लक़

आए क्या तेरा तसव्वुर ध्यान में

ग़ुलाम मौला क़लक़

उफ़ुक़ से आग उतर आई है मिरे घर भी

ग़ुलाम हुसैन साजिद

नुमूद पाते हैं मंज़रों की शिकस्त से फ़तह के बहाने

ग़ुलाम हुसैन साजिद

हुआ रौशन दम-ए-ख़ुर्शीद से फिर रंग पानी का

ग़ुलाम हुसैन साजिद

इक ख़लिश है मिरे बाहर मिरी दम-साज़ गिरी

ग़ुफ़रान अमजद

मुहीत-ए-हुस्न जो अब दम-ब-दम चढ़ाव पे है

ग़ज़नफ़र अली ग़ज़नफ़र

तुझे मैं भूल जाना चाहता हूँ

ग़यास अंजुम

तीर जैसे कमान से निकला

ग़नी एजाज़

थकन ग़ालिब है दम टूटे हुए हैं

ग़नी एजाज़

बेवफ़ा के वा'दे पर ए'तिबार करते हैं

ग़नी एजाज़

शम्अ-रू आशिक़ को अपने यूँ जलाना चाहिए

ग़मगीन देहलवी

ज़ोफ़ से गिर्या मुबद्दल ब-दम-ए-सर्द हुआ

ग़ालिब

रात पी ज़मज़म पे मय और सुब्ह-दम

ग़ालिब

पकड़े जाते हैं फ़रिश्तों के लिखे पर ना-हक़

ग़ालिब

मोहब्बत थी चमन से लेकिन अब ये बे-दिमाग़ी है

ग़ालिब

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का

ग़ालिब

जज़्बा-ए-बे-इख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिए

ग़ालिब

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले

ग़ालिब

गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है

ग़ालिब

ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है

ग़ालिब

वो मिरी चीन-ए-जबीं से ग़म-ए-पिन्हाँ समझा

ग़ालिब

वाँ पहुँच कर जो ग़श आता पए-हम है हम को

ग़ालिब

सियाही जैसे गिर जाए दम-ए-तहरीर काग़ज़ पर

ग़ालिब

फिर हुआ वक़्त कि हो बाल-कुशा मौज-ए-शराब

ग़ालिब

नक़्श-ए-नाज़-ए-बुत-ए-तन्नाज़ ब-आग़ोश-ए-रक़ीब

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.